ढाका में आयोजित 24वीं एशियन आर्चरी चैंपियनशिप में भारत ने शानदार प्रदर्शन करते हुए रिकॉर्ड 10 पदक (6 स्वर्ण, 3 रजत, 1 कांस्य) जीते और शीर्ष स्थान हासिल किया। यह एशियाई तीरंदाजी के शक्ति-संतुलन में एक बड़ा बदलाव है, जिसमें अंकिता भावगत और धीरज बोम्मादेवारा ने रिकर्व व्यक्तिगत स्पर्धाओं में स्वर्ण जीतकर दक्षिण कोरिया की लंबे समय से चली आ रही बढ़त को तोड़ा।
स्वर्णिम प्रदर्शन: अंकिता और धीरज की चमक
अंकिता भावगत – महिला रिकर्व स्वर्ण
अंकिता ने फाइनल में दक्षिण कोरिया की ओलंपिक रजत पदक विजेता नाम सुह्येओन को 7-3 से चौंकाते हुए हराया।
सेमीफाइनल में उन्होंने पूर्व विश्व नंबर एक दीपिका कुमारी को शूट-ऑफ में मात दी—जो उनकी मानसिक मजबूती और कौशल का बड़ा प्रमाण है।
धीरज बोम्मादेवारा – पुरुष रिकर्व स्वर्ण
धीरज ने अपने हमवतन राहुल को 6-2 से हराकर पुरुष वर्ग में स्वर्ण जीता, जिससे भारत ने 1–2 फिनिश हासिल की। यह भारत की बढ़ती प्रतिभा और घरेलू प्रशिक्षण प्रणाली की सफलता को दर्शाता है।
टीम इवेंट्स ने और बढ़ाई भारत की चमक
भारत की कुल पदक संख्या टीम स्पर्धाओं में दमदार प्रदर्शन की वजह से और बढ़ गई।
रिकर्व श्रेणी में
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महिला रिकर्व टीम, जिसमें अंकिता भी शामिल थीं, ने फाइनल में रोमांचक मुकाबले में कोरिया को हराकर स्वर्ण जीता।
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संगीता ने महिला रिकर्व में कांस्य जीता, जहाँ उन्होंने दीपिका कुमारी को शूट-ऑफ में हराया।
कंपाउंड श्रेणी में
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महिला कंपाउंड टीम (दीपशिखा, ज्योति शूरखा वेणम, पृथिका प्रदीप) ने कोरिया को 236–234 से हराकर स्वर्ण जीता।
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कंपाउंड मिक्स्ड टीम (अभिषेक वर्मा और दीपशिखा) ने बांग्लादेश को हराकर स्वर्ण हासिल किया।
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पुरुष कंपाउंड टीम ने कजाख़स्तान के खिलाफ कड़े मुकाबले में रजत पर संतोष किया।
इन उपलब्धियों ने दिखाया कि भारत रिकर्व और कंपाउंड—दोनों ही क्षेत्रों में सामरिक रूप से मजबूत और संतुलित है।
कोरिया का दबदबा टूटा: एशियाई तीरंदाजी का नया दौर
पिछले दो दशकों से एशिया में रिकर्व इवेंट पर दक्षिण कोरिया का दबदबा था। लेकिन इस वर्ष भारत ने विशेष रूप से पुरुष टीम रिकर्व में कोरिया की 12 साल पुरानी विजयी श्रृंखला तोड़ दी। यह एशियाई तीरंदाजी में भारत के उभरते सुपरपावर बनने का संकेत है।
यह सफलता बेहतर प्रशिक्षण, आधुनिक सुविधाओं, और बढ़ते प्रतिस्पर्धी अवसरों—जैसे आर्चरी प्रीमियर लीग—का परिणाम है।
पदक तालिका: भारत का दबदबा
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स्वर्ण: 6
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रजत: 3
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कांस्य: 1
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कुल पदक: 10 (भारत का अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन)
प्रभाव: गर्व, प्रगति और अपार संभावनाएँ
2025 एशियन आर्चरी चैंपियनशिप में भारत की चमकदार सफलता सिर्फ खेल उपलब्धि नहीं, बल्कि देश की उभरती खेल आकांक्षा और एकता का प्रतीक है।
यह बताती है कि सही निवेश, प्रशिक्षण और अवसर मिलने पर भारतीय खिलाड़ी वैश्विक स्तर पर शानदार प्रदर्शन कर सकते हैं।
अंकिता भावगत, धीरज बोम्मादेवारा और अन्य खिलाड़ियों के प्रदर्शन ने युवा पीढ़ी में नया आत्मविश्वास जगाया है।
मुख्य स्थैतिक तथ्य
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इवेंट: 24वीं एशियन आर्चरी चैंपियनशिप
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स्थान: ढाका, बांग्लादेश
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भारत के पदक: 10 (6 स्वर्ण, 3 रजत, 1 कांस्य)
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व्यक्तिगत स्वर्ण:
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अंकिता भावगत — महिला रिकर्व
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धीरज बोम्मादेवारा — पुरुष रिकर्व
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टीम स्वर्ण:
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महिला रिकर्व टीम
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महिला कंपाउंड टीम
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कंपाउंड मिक्स्ड टीम
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रजत: पुरुष कंपाउंड टीम
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कांस्य: संगीता (महिला रिकर्व)
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कोरिया की रिकर्व में 12 साल की बादशाहत समाप्त


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