भारत पहली बार सुरक्षा अधिकारियों के एक सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है। इस सम्मेलन में कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान के शीर्ष अधिकारी शामिल हुए हैं। इस बैठक की अध्यक्षता राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल ने की है। इस मौके पर NSA अजीत डोभाल ने अफगानिस्तान में उभरती सुरक्षा स्थिति और उस देश से उत्पन्न होने वाले आतंकवाद के खतरे से निपटने के तरीकों पर चर्चा की।
Buy Prime Test Series for all Banking, SSC, Insurance & other exams
एनएसए डोभाल ने कहा कि मध्य एशियाई देशों के साथ कनेक्टिविटी भारत के लिए प्रमुख प्राथमिकता बनी हुई है। हम इस क्षेत्र में सहयोग, निवेश और कनेक्टिविटी बनाने के लिए तैयार हैं। कनेक्टिविटी का विस्तार करते समय यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि पहल परामर्शी, पारदर्शी और सहभागी हों। उन्होंने आगे कहा कि अफगानिस्तान सहित क्षेत्र में आतंकवादी नेटवर्क का बना रहना भी गहरी चिंता का विषय है।
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों, सुरक्षा परिषदों के सचिवों की पहली भारत-मध्य एशिया बैठक में NSA अजीत डोभाल ने कहा, संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्यों को आतंकवादी गतिविधियों में शामिल संस्थाओं को सहायता प्रदान करने से बचना चाहिए। उन्होंने अफगानिस्तान पर जोर देते हुए कहा कि अफगानिस्तान हम सबके लिए एक महत्वपूर्ण मुद्दा है।
पिछले साल नवंबर में भारत ने अफगानिस्तान की स्थिति पर एक क्षेत्रीय वार्ता की मेजबानी की थी, जिसमें रूस, ईरान, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उज्बेकिस्तान के एनएसए ने भाग लिया था। लेकिन यह पहली बार है जब भारत मध्य एशियाई देशों के शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों की मेजबानी कर रहा है।