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भारत ने वैश्विक उपयोग के लिए दुर्लभ एंटी-डोपिंग संदर्भ सामग्री का संश्लेषण किया

भारत ने खेलों में डोपिंग जाँच तंत्र को मज़बूत बनाने के लिए एक दुर्लभ एंटी-डोपिंग रेफरेंस मटेरियल – मेथानडायनोन लॉन्ग-टर्म मेटाबोलाइट (LTM) विकसित किया है। यह उपलब्धि नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ फार्मास्यूटिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (NIPER) गुवाहाटी और नेशनल डोप टेस्टिंग लेबोरेटरी (NDTL) नई दिल्ली के संयुक्त प्रयास से संभव हुई है। इस पहल से भारत उन चुनिंदा देशों की सूची में शामिल हो गया है, जो इतने विशिष्ट और जटिल मटेरियल का निर्माण करने में सक्षम हैं।

रेफरेंस मटेरियल (RMs) क्या हैं और क्यों ज़रूरी हैं?

रेफरेंस मटेरियल अल्ट्रा-शुद्ध रसायन या उनके मेटाबोलाइट होते हैं, जिनका उपयोग सटीक विश्लेषणात्मक परीक्षणों में किया जाता है। एंटी-डोपिंग संदर्भ में इनका महत्व है:

  • विश्व एंटी-डोपिंग एजेंसी (WADA) की सूचीबद्ध प्रतिबंधित पदार्थों का पता लगाना।

  • खिलाड़ियों की डोपिंग जाँच में उच्च-स्तरीय शुद्धता और सटीकता सुनिश्चित करना।

  • परीक्षण प्रक्रिया की पारदर्शिता और विश्वसनीयता बनाए रखना।

दुनिया में केवल 4–5 संस्थान ही इन दुर्लभ RMs का उत्पादन करते हैं। भारत में अब इनका निर्माण होने से यह एक वैज्ञानिक और रणनीतिक उपलब्धि बन गई है।

मेथानडायनोन LTM का लॉन्च: डोपिंग टेस्टिंग में गेम-चेंजर

  • आधिकारिक लॉन्च: 4 सितंबर, 2025

  • अवसर: NDTL की 22वीं गवर्निंग बॉडी मीटिंग, नई दिल्ली

  • उद्घाटनकर्ता: डॉ. मनसुख मांडविया, केंद्रीय युवा मामले एवं खेल मंत्री

विशेषताएँ:

  • वैश्विक स्तर पर व्यावसायिक रूप से उपलब्ध नहीं

  • मूत्र परीक्षण के ज़रिए लंबे समय तक स्टेरॉयड के सेवन का पता लगाता है

  • खिलाड़ियों में डोपिंग रोकने हेतु निरोधक शक्ति बढ़ाता है।

  • वैज्ञानिक शुद्धता के साथ एंटी-डोपिंग प्रवर्तन को मज़बूत करता है

NIPER–NDTL सहयोग

  • 2020 से दोनों संस्थान मिलकर 22 नॉन-कमर्शियल रेफरेंस मटेरियल विकसित कर रहे हैं।

  • अब तक 12 सफलतापूर्वक तैयार हो चुके हैं।

  • मेथानडायनोन LTM इस श्रृंखला का नवीनतम जोड़ है।

महत्त्व:

  • सार्वजनिक स्वास्थ्य और खेलों में वैज्ञानिक नवाचार को बढ़ावा।

  • 30 WADA-मान्यता प्राप्त अंतरराष्ट्रीय प्रयोगशालाओं को सहयोग।

  • महंगे आयात पर निर्भरता कम करना।

  • भारत को वैश्विक सप्लायर के रूप में स्थापित करना।

वैश्विक महत्व और भविष्य की दिशा

  • स्वच्छ खिलाड़ियों को सशक्त बनाना और निष्पक्ष खेल सुनिश्चित करना।

  • संभावित डोपिंग करने वालों के लिए कड़ा संदेश

  • भारत को WADA नेटवर्क में वैज्ञानिक योगदानकर्ता के रूप में स्थापित करना।

  • आगे के शोध, सहयोग और एंटी-डोपिंग विज्ञान में नेतृत्व की संभावनाएँ।

यह पहल भारत की Fit India Movement और खेलों में नैतिकता एवं जवाबदेही को बढ़ावा देने वाले दृष्टिकोण से भी मेल खाती है।

परीक्षा हेतु मुख्य बिंदु

  • भारत ने मेथानडायनोन लॉन्ग-टर्म मेटाबोलाइट (LTM) सितंबर 2025 में विकसित किया।

  • NIPER गुवाहाटी और NDTL नई दिल्ली द्वारा संयुक्त रूप से तैयार।

  • यह रेफरेंस मटेरियल डोपिंग स्टेरॉयड मेथानडायनोन का पता महीनों या वर्षों बाद तक लगा सकता है।

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