रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन ने राजस्थान के पोखरण रेगिस्तान में उन्नत हल्के हेलीकाप्टर से स्वदेशी रूप से विकसित हेलिना और ध्रुवास्त्र एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल (ATGM) के संयुक्त उपयोगकर्ता परीक्षणों को सफलतापूर्वक किया है. हेलेना सेना का संस्करण है और ध्रुवास्त्र एएलएच का वायु सेना संस्करण है. रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) द्वारा स्वदेशी रूप से मिसाइल प्रणालियों को डिजाइन और विकसित किया गया है.
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प्रमुख विशेषताऐं:
- हेलिना और ध्रुवास्त्र तीसरी पीढ़ी की “लॉक-ऑन-बिफोर-लॉन्च (LOBL)” एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइलें हैं जो प्रत्यक्ष हिट मोड के साथ-साथ शीर्ष हमले मोड में दोनों को लक्षित कर सकती हैं.
- मिसाइल सिस्टम में सभी मौसम दिन-रात की क्षमता है.
- वे पारंपरिक कवच के साथ-साथ विस्फोटक प्रतिक्रियाशील कवच के साथ युद्धक टैंक को हरा सकते हैं.
- यह दुनिया के सबसे उन्नत एंटी-टैंक हथियारों में से एक है.
सभी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण तथ्य:
- DRDO अध्यक्ष: डॉ. जी सतीश रेड्डी.
- DRDO मुख्यालय: नई दिल्ली.
- DRDO स्थापना: 1958.




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