भारत को दुबई में आयोजित 28वें यूनिवर्सल पोस्टल कांग्रेस के दौरान काउंसिल ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन (CA) और पोस्टल ऑपरेशंस काउंसिल (POC) दोनों में पुनः निर्वाचित किया गया। संचार मंत्रालय ने इसे इंडिया पोस्ट के नेतृत्व, सुधारों और डिजिटल नवाचारों की अंतरराष्ट्रीय मान्यता बताया, जो डाक क्षेत्र में भारत के वैश्विक प्रभाव को और सशक्त करता है।
पुनर्निर्वाचन का महत्व
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वैश्विक विश्वास: भारत के डाक सुधारों पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय का भरोसा।
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नेतृत्व की भूमिका: वैश्विक डाक शासन और तकनीकी संचालन में भारत की भूमिका और मजबूत।
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डिजिटल प्रोत्साहन: डिजिटल वित्तीय समावेशन और आधुनिकीकरण में इंडिया पोस्ट की उपलब्धियों की स्वीकृति।
केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि यह पुनर्निर्वाचन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की दृष्टि और विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर के कूटनीतिक प्रयासों से संभव हुआ है।
भारत का योगदान
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सदस्यता: 1876 से (लगभग 150 वर्षों से सक्रिय भागीदारी)।
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योगदान: अंतरराष्ट्रीय डाक सहयोग को मजबूत करने में निरंतर भूमिका।
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नवाचार: डिजिटल भुगतान सेवाएँ, वित्तीय समावेशन योजनाएँ, और ई-कॉमर्स एकीकरण के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय प्रतिष्ठा अर्जित।
यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन (UPU): परिचय
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स्थापना: 1874 (बर्न, स्विट्ज़रलैंड)
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विशेषीकृत संयुक्त राष्ट्र एजेंसी बनी: 1948
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मुख्यालय: बर्न, स्विट्ज़रलैंड
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सदस्य देश: 192
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मुख्य उद्देश्य: डाक क्षेत्र में वैश्विक सहयोग और एकसमान, कुशल डाक सेवाओं का नेटवर्क सुनिश्चित करना।
UPU की प्रमुख परिषदें
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काउंसिल ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन (CA): नीतिगत, नियामक और प्रशासनिक मामलों का संचालन।
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पोस्टल ऑपरेशंस काउंसिल (POC): तकनीकी एवं परिचालन संस्था; आधुनिकीकरण, डिजिटल सेवाओं और वैश्विक मानकों पर कार्य।
भारत का इन दोनों परिषदों में पुनर्निर्वाचन वैश्विक नीति-निर्माण और तकनीकी नवाचारों में उसकी निरंतर प्रभावशाली भूमिका को सुनिश्चित करता है।
त्वरित तथ्य
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कार्यक्रम: 28वां यूनिवर्सल पोस्टल कांग्रेस, दुबई
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भारत की उपलब्धि: CA और POC दोनों में पुनर्निर्वाचन
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केंद्रीय मंत्री: ज्योतिरादित्य सिंधिया (संचार)
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UPU स्थापना: 1874 (बर्न, स्विट्ज़रलैंड)
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UN विशेष एजेंसी बनी: 1948
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वर्तमान सदस्य देश: 192
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भारत की सदस्यता: 1876
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मुख्यालय: बर्न, स्विट्ज़रलैंड
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UPU कांग्रेस: हर 4 वर्ष में आयोजित; सर्वोच्च निर्णय लेने वाली संस्था


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