भारत-नेपाल संयुक्त सैन्य अभ्यास “सूर्य किरण” के 18वें संस्करण की शुरुआत 29 दिसंबर 2024 से 13 जनवरी 2025 तक नेपाल के सालझांडी में हुई है। इस वार्षिक अभ्यास का उद्देश्य जंगल युद्ध, पहाड़ी क्षेत्रों में आतंकवाद-रोधी अभियानों, और संयुक्त राष्ट्र चार्टर के तहत मानवीय सहायता व आपदा प्रबंधन में सहयोग को बढ़ाना है।
प्रमुख विवरण
अभ्यास का स्थान और अवधि:
यह अभ्यास 29 दिसंबर 2024 से 13 जनवरी 2025 तक नेपाल के सालझांडी में आयोजित हो रहा है।
भाग लेने वाले बल:
भारतीय सेना की कुमाऊं रेजिमेंट और नेपाली सेना की तारा दल बटालियन।
केन्द्रित क्षेत्र:
जंगल युद्ध, पहाड़ी क्षेत्रों में आतंकवाद-रोधी अभियान, और मानवीय सहायता व आपदा प्रबंधन।
ऐतिहासिक संदर्भ
पिछले संस्करण:
17वां संस्करण पिथौरागढ़, उत्तराखंड में 24 नवंबर से 7 दिसंबर 2023 तक आयोजित हुआ था, जिसमें नेपाली सेना के 334 कर्मी और भारतीय सेना की कुमाऊं रेजिमेंट की एक बटालियन शामिल हुई थी।
द्विपक्षीय संबंध:
यह अभ्यास भारत और नेपाल के बीच लंबे समय से चले आ रहे सैन्य सहयोग को दर्शाता है, जो साझा सुरक्षा चिंताओं और क्षेत्रीय स्थिरता के प्रति प्रतिबद्धता को प्रतिबिंबित करता है।
रणनीतिक महत्व
सामरिक समन्वय में वृद्धि:
यह अभ्यास दोनों सेनाओं के बीच बेहतर समन्वय को बढ़ावा देता है, जो संयुक्त अभियानों और आपदा प्रतिक्रिया के लिए आवश्यक है।
द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करना:
“सूर्य किरण” जैसे नियमित सैन्य अभ्यास भारत और नेपाल के रक्षा संबंधों और आपसी विश्वास को मजबूत करते हैं।
समाचार में क्यों? | मुख्य बिंदु |
भारत-नेपाल संयुक्त सैन्य अभ्यास “सूर्य किरण” शुरू | भारत और नेपाल के बीच “सूर्य किरण” अभ्यास का 18वां संस्करण; 29 दिसंबर 2024 से 13 जनवरी 2025 तक सालझांडी, नेपाल में आयोजित। |
केन्द्रित क्षेत्र | आतंकवाद-रोधी अभियान, जंगल युद्ध, आपदा राहत, और भारतीय व नेपाली सेनाओं के बीच समन्वय को बढ़ाना। |
उद्देश्य | संयुक्त अभियानों, मानवीय सहायता, और क्षेत्रीय शांति प्रयासों में समन्वय में सुधार। |
भाग लेने वाले बल | भारतीय सेना की कुमाऊं रेजिमेंट, नेपाली सेना की तारा दल बटालियन। |
पिछले संस्करण | पिछले वर्ष (17वां संस्करण) का अभ्यास पिथौरागढ़, उत्तराखंड, भारत में आयोजित हुआ। |
द्विपक्षीय संबंध | भारत और नेपाल के बीच बढ़ते रक्षा सहयोग को दर्शाता है, जो साझा सुरक्षा चिंताओं को रेखांकित करता है। |