भारत ने राष्ट्रीय सुरक्षा को और मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) को शत्रु के हवाई खतरों से सुरक्षित करने के लिए स्वदेशी इंटीग्रेटेड एयर डिफेन्स वेपन सिस्टम (IADWS) तैनात करने की तैयारी शुरू कर दी है। मिसाइलों, ड्रोन और तेज़ गति वाले विमान जैसे आधुनिक हवाई खतरों के तेजी से विकसित होते स्वरूप को देखते हुए यह कदम आत्मनिर्भर रक्षा क्षमताओं की दिशा में बड़ी प्रगति माना जा रहा है।
IADWS में क्या शामिल है?
प्रस्तावित IADWS एक मल्टी-लेयर्ड (बहु-स्तरीय) एयर डिफेन्स नेटवर्क है, जिसमें कई स्वदेशी प्रणालियों को एकीकृत किया गया है। इसके प्रमुख घटक हैं—
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क्विक रिएक्शन सरफेस-टू-एयर मिसाइल (QRSAM) – उच्च गतिशीलता और त्वरित प्रतिक्रिया क्षमता के साथ हवाई खतरों को मार गिराने में सक्षम
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वेरी शॉर्ट रेंज एयर डिफेन्स सिस्टम्स (VSHORADS) – ड्रोन, हेलीकॉप्टर और कम ऊंचाई पर उड़ने वाले विमानों जैसे लक्ष्यों को निशाना बनाने के लिए विकसित
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नेटवर्किंग एवं कमांड-एंड-कंट्रोल अवसंरचना – सभी सेंसर, मिसाइल और प्रतिक्रिया इकाइयों को एक समन्वित ऑपरेशनल ग्रिड में जोड़ने के लिए
यह संयोजन कम एवं अत्यंत कम दूरी के हवाई खतरों के खिलाफ तेज़, परत-दर-परत सुरक्षा सुनिश्चित करता है।
रणनीतिक संदर्भ: ऑपरेशन सिंदूर से मिली सीख
रक्षा मंत्रालय का यह कदम उच्च सुरक्षा संवेदनशीलता के माहौल में लिया गया है। मई 2025 में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान द्वारा भारत को निशाना बनाने के प्रयास के बाद सरकार ने राजधानी क्षेत्र की सुरक्षा को और अधिक मजबूत करने के उपायों को तेज़ किया। स्वदेशी IADWS की तैनाती न केवल सामरिक दृष्टि से आवश्यक है बल्कि यह भारत की तकनीकी क्षमता और रक्षा तैयारी का सशक्त प्रतीक भी है।
NASAMS-II खरीद योजना से बदलाव
यह कदम भारत की नीति में एक बड़ा परिवर्तन भी दर्शाता है।
पहले, अमेरिका से NASAMS-II (वॉशिंगटन D.C. की सुरक्षा के लिए उपयोग किया जाने वाला सिस्टम) खरीदने पर विचार चल रहा था। बातचीत आगे बढ़ चुकी थी, लेकिन अमेरिका द्वारा मांगी गई अत्यधिक कीमत के कारण यह योजना रोक दी गई।
स्वदेशी विकल्प अपनाने का निर्णय कई कारणों से महत्वपूर्ण है—
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लागत में बचत
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रक्षा खरीद में आत्मनिर्भरता
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घरेलू रक्षा उद्योग को प्रोत्साहन
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आत्मनिर्भर भारत (Atmanirbhar Bharat) के राष्ट्रीय लक्ष्य के अनुरूप
मुख्य बिंदु (Key Takeaways)
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भारत दिल्ली-NCR को मिसाइल, ड्रोन और विमानों से बचाने के लिए स्वदेशी IADWS तैनात करेगा।
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इसमें QRSAM, VSHORADS और उन्नत कमांड-एंड-कंट्रोल नेटवर्क शामिल होंगे।
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यह निर्णय ऑपरेशन सिंदूर (मई 2025) के बाद सुरक्षा ज़रूरतों में तेजी के चलते लिया गया।
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अमेरिका से NASAMS-II खरीदने की योजना अत्यधिक लागत के कारण छोड़ दी गई।
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सिस्टम का संचालन भारतीय वायुसेना (IAF) करेगी; DRDO और उत्पादन एजेंसियां मिलकर तकनीक एकीकृत करेंगी।


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