भारत ने हरित नौवहन (Green Maritime Mobility) के क्षेत्र में ऐतिहासिक कदम बढ़ाते हुए अपनी पहली पूरी तरह स्वदेशी हाइड्रोजन फ्यूल सेल यात्री नौका का शुभारंभ कर दिया है। यह नौका वाराणसी के नमो घाट से व्यावसायिक रूप से संचालित होना शुरू हुई, जिसे केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
यह भारत की स्वच्छ, टिकाऊ और आत्मनिर्भर जल यातायात प्रणाली की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।
यह नौका कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (CSL) द्वारा निर्मित है और आंतरिक जलमार्ग प्राधिकरण (IWAI) के स्वामित्व में है। इसमें लो टेम्परेचर प्रोटॉन एक्सचेंज मेम्ब्रेन (PEM) आधारित हाइड्रोजन फ्यूल सेल प्रणाली लगी है, जो हाइड्रोजन को बिजली में परिवर्तित करती है और इसका एकमात्र उप-उत्पाद पानी है।
24-मीटर कैटामरैन डिजाइन → अधिक स्थिरता
यात्री क्षमता: 50 (एयर-कंडीशन्ड केबिन)
सेवा गति: 6.5 नॉट्स
एक बार हाइड्रोजन भरने पर 8 घंटे संचालन
हाइब्रिड प्रणाली: हाइड्रोजन फ्यूल सेल + बैटरी + सोलर पावर
शून्य प्रदूषण: न धुआँ, न शोर, केवल जल उत्सर्जन
प्रमाणित: इंडियन रजिस्टर ऑफ शिपिंग
इस तरह वाराणसी दुनिया के उन चुनिंदा शहरों में शामिल हो गया है, जहां हाइड्रोजन-चालित यात्री परिवहन की तैनाती की गई है।
FCV Pilot-01 के संचालन के लिए IWAI, CSL और Inland & Coastal Shipping Ltd. के बीच त्रिपक्षीय समझौता किया गया है, जिसमें शामिल हैं:
तकनीकी पर्यवेक्षण
सुरक्षा प्रक्रियाएँ
वित्तीय प्रावधान
निगरानी व निरीक्षण व्यवस्था
इन उपायों से यह सुनिश्चित होगा कि नौका वास्तविक परिस्थितियों में सुरक्षित और कुशलतापूर्वक चल सके तथा भविष्य के विस्तार के लिए महत्वपूर्ण डेटा प्राप्त हो सके।
यह हाइड्रोजन-चालित नौका गंगा पर यात्रा को अधिक स्वच्छ, शांत और प्रभावी बनाएगी।
शून्य-उत्सर्जन यात्रा
तीर्थयात्रियों व यात्रियों के लिए शांत, शोर-रहित सफर
सड़कों पर वाहनों का दबाव कम होगा
आधुनिक और पर्यावरण-अनुकूल परिवहन से पर्यटन को बढ़ावा
इससे वाराणसी एक फ्यूचरिस्टिक और सतत तकनीक अपनाने वाले वैश्विक शहर के रूप में अपनी पहचान और मजबूत करेगा।
नौका की पहली व्यावसायिक यात्रा (5 किमी मार्ग) नमो घाट से ललिता घाट तक आयोजित की गई, जिसमें उपस्थित थे:
केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल
राज्यमंत्री रविंद्र जायसवाल
यूपी मंत्री दयाशंकर सिंह व डॉ. दयाशंकर मिश्रा
वाराणसी नगर निगम की मेयर
वरिष्ठ IAS अधिकारी व IWAI के शीर्ष अधिकारी
यह आयोजन इस अत्याधुनिक नौका की क्षमता को प्रदर्शित करता है और इसके सार्वजनिक संचालन की औपचारिक शुरुआत का प्रतीक है।
यह हाइड्रोजन फ्यूल सेल नौका IWAI की दीर्घकालिक रणनीति का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य है:
अंतर्देशीय जल परिवहन का डी-कार्बोनाइजेशन
हाईब्रिड व इलेक्ट्रिक नौकाओं का विस्तार
नदी-आधारित यात्री परिवहन का आधुनिकीकरण
ऊर्जा-कुशल समुद्री संचालन को बढ़ावा
Maritime India Vision (MIV) 2030 और
Maritime Amrit Kaal Vision (MAKV) 2047
के तहत भारत भविष्य के लिए तैयार, जलवायु-संवेदनशील समुद्री इकोसिस्टम का निर्माण कर रहा है।
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