केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जे.पी. नड्डा ने राष्ट्रीय एंटीमाइक्रोबियल रेसिस्टेंस (AMR) कार्ययोजना 2.0 लॉन्च की, जो वर्ष 2025 से 2029 की अवधि को कवर करेगी। यह लॉन्च नई दिल्ली में हुआ और एंटीबायोटिक प्रतिरोध की बढ़ती चुनौती से निपटने के लिए भारत की स्वास्थ्य रणनीति में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
एंटीमाइक्रोबियल रेसिस्टेंस क्यों महत्वपूर्ण है?
एंटीमाइक्रोबियल रेसिस्टेंस (AMR) तब होती है जब बैक्टीरिया, वायरस, फंगस और परजीवी दवाओं के प्रति प्रतिरोधी बनने लगते हैं, जिससे संक्रमणों का इलाज कठिन हो जाता है। यह एक वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल का रूप ले चुका है और निम्न प्रमुख चिकित्सा प्रक्रियाओं के लिए गंभीर खतरा है:
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सर्जिकल ऑपरेशन
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कैंसर उपचार
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इंटेंसिव केयर प्रक्रियाएँ
मंत्री नड्डा ने बताया कि एंटीबायोटिक का अत्यधिक और गलत उपयोग अस्पतालों, समुदायों और पशु स्वास्थ्य क्षेत्रों में AMR को बढ़ा रहा है। यदि इसे रोका न गया, तो यह लंबी बीमारी, अधिक मृत्यु दर और बढ़ते स्वास्थ्य खर्चों का कारण बन सकता है।
AMR 2.0 (2025–29) में नया क्या है?
नई कार्ययोजना पहले संस्करण की सीखों पर आधारित है और इसका उद्देश्य है:
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पिछली कार्ययोजना की क्रियान्वयन खामियों को दूर करना
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संबंधित पक्षों की जवाबदेही बढ़ाना
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मानव स्वास्थ्य, पशु स्वास्थ्य और पर्यावरण के बीच समन्वय मजबूत करना
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निजी क्षेत्र की भागीदारी बढ़ाना
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हर स्तर पर एंटीबायोटिक के उचित और संतुलित उपयोग को बढ़ावा देना
यह योजना WHO के ग्लोबल एक्शन प्लान और वन हेल्थ अप्रोच के अनुरूप है, जिसमें मानव, पशु और पर्यावरण का एकीकृत दृष्टिकोण शामिल है।
तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता क्यों है?
AMR के कारण:
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उपचार के परिणामों में देरी
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दवा-प्रतिरोधी संक्रमणों का फैलाव
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अस्पताल में अधिक समय
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परिवारों और स्वास्थ्य प्रणाली पर आर्थिक बोझ
भारत जैसे देश में, जहाँ एंटीबायोटिक अक्सर बिना निर्देश के उपयोग किए जाते हैं, जोखिम और भी गंभीर है।
सरकार का बहु-क्षेत्रीय दृष्टिकोण
AMR 2.0 रणनीति सहयोगी प्रयासों पर आधारित है और निम्न को बढ़ावा देती है:
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एंटीबायोटिक प्रतिरोध की निगरानी (surveillance)
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दवाओं के गलत उपयोग को रोकने के लिए सख़्त नियम
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डॉक्टरों और फार्मासिस्टों का प्रशिक्षण
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एंटीबायोटिक के जिम्मेदार उपयोग पर जन-जागरूकता
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अस्पतालों में संक्रमण रोकथाम प्रणाली
यह समग्र दृष्टिकोण सुनिश्चित करता है कि AMR पर नियंत्रण केवल अस्पतालों तक सीमित न रहकर कृषि, पशुपालन और पर्यावरण क्षेत्रों तक भी फैले।
स्थिर तथ्य (Static Facts)
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योजना का नाम: राष्ट्रीय एंटीमाइक्रोबियल रेसिस्टेंस (AMR) कार्ययोजना 2.0
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लॉन्च तिथि: 18 नवंबर 2025
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लॉन्चकर्ता: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा
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अवधि: 2025–2029
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मुख्य उद्देश्य: AMR से निपटने के लिए बहु-क्षेत्रीय और समन्वित कार्रवाई
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मुख्य फोकस क्षेत्र: मानव स्वास्थ्य, पशु स्वास्थ्य, एंटीबायोटिक उपयोग नियमन, निजी क्षेत्र की भागीदारी
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संबंधित चुनौतियाँ: दवाओं का अत्यधिक/गलत उपयोग, समन्वय की कमी, जागरूकता की कमी
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संबंधित ढांचे: WHO ग्लोबल एक्शन प्लान, वन हेल्थ अप्रोच


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