भारत ने वियतनाम के साथ रक्षा सहयोग को बढ़ावा देते हुए मिसाइल से लैस अपने युद्धपोत ‘आईएनएस कृपाण’ को 22 जुलाई 2023 को वियतनाम को उपहार के रूप में सौंप दिया। हालांकि, इससे चीन को आपत्ति जरूर हो सकती है क्योंकि वियतनाम का दक्षिण चीन सागर क्षेत्र में चीन के साथ क्षेत्रीय विवाद है। इसके बाद भी भारत ने चीन की चिंता किए बिना यह कदम उठाया है।
नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने युद्धपोत सौंपने के कार्यक्रम में मौजूद रहे और उन्होंने कहा कि वियतनाम पीपुल्स नेवी (वीपीएन) को स्वदेश निर्मित सेवारत मिसाइल युद्धपोत का हस्तांतरण समान विचारधारा वाले भागीदारों की उनकी क्षमता को बढ़ाने में सहायता करने की भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। नौसेना प्रमुख ने आशा व्यक्त की कि आईएनएस कृपाण विशाल समुद्रों पर अपनी यात्रा जारी रखेगा, स्वतंत्रता, न्याय और अंतरराष्ट्रीय नियम-आधारित व्यवस्था के सिद्धांतों को कायम रखते हुए वह स्तंभ बनेगा जिसके चारों ओर ‘अच्छे के लिए बल’ का निर्माण किया जाएगा।
नौसेना प्रमुख ने कहा कि वियतनाम पीपुल्स नेवी को आईएनएस कृपाण का हस्तांतरण भारत के जी20 दृष्टिकोण “वसुधैव कुटुंबकम-एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य” के अनुरूप है। आईएनएस कृपाण स्वदेश निर्मित खुकरी श्रेणी की मिसाइल से लैस पोत है। गौरतलब है कि भारत की दक्षिण चीन सागर में वियतनामी जलक्षेत्र में तेल खोज परियोजनाएँ हैं। इसी मद्देनजर भारत और वियतनाम पिछले कुछ वर्षों में साझा हितों की रक्षा के लिए अपने समुद्री सुरक्षा सहयोग को बढ़ा रहे हैं।
आईएनएस कृपाण
आईएनएस कृपाण, 1991 में सेवा में शामिल किए के बाद से भारतीय नौसेना के पूर्वी बेड़े का एक अभिन्न अंग रहा और पिछले 32 वर्षों में कई ऑपरेशन में भाग लिया। लगभग 12 अधिकारियों और 100 नाविकों द्वारा संचालित, जहाज 90 मीटर लंबा और 10.45 मीटर चौड़ा है। आईएनएस कृपाण स्वदेश निर्मित खुकरी श्रेणी की मिसाइल से लैस पोत है।