प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके बांग्लादेशी समकक्ष शेख हसीना वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से भारत-बांग्लादेश मैत्री पाइपलाइन का उद्घाटन करेंगे। यह पहली ऐसी पाइपलाइन है जिसके माध्यम से भारत से रिफाइंड डीजल बांग्लादेश को आपूर्ति किया जाएगा। यह परियोजना भारत सरकार की अनुदान सहायता के तहत बनाई गई है।
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भारत-बांग्लादेश मैत्री पाइपलाइन परियोजना क्या है?
- इस परियोजना में 130 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन का निर्माण शामिल है जो पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी और बांग्लादेश के दिनाजपुर जिले के पर्बतीपुर को जोड़ेगा।
- कुल रास्ते में, छह किलोमीटर भारतीय ओर होंगे और बाकी 124 किलोमीटर बांग्लादेश की ओर होंगे। पाइपलाइन परियोजना का भारतीय हिस्सा असम के नुमालिगढ़ रिफाइनरी लिमिटेड द्वारा कार्यान्वयित किया जाएगा और बांग्लादेशी हिस्सा बांग्लादेश पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन द्वारा कार्यान्वयित किया जाएगा।
- इस पाइपलाइन की क्षमता प्रति वर्ष 1 मिलियन मीट्रिक टन है। यह रिफाइंड डीजल भारत के असम के नुमालिगढ़ से पर्बतीपुर डिपो को आपूर्ति करेगी।
- प्रारंभ में, इससे बांग्लादेश को प्रति वर्ष 2.5 लाख टन डीजल आपूर्ति की जाएगी और धीरे-धीरे इसे 4 लाख टन तक बढ़ाया जाएगा।
भारत-बांग्लादेश मैत्री पाइपलाइन परियोजना का महत्व:
यह परियोजना 510 किलोमीटर की दूरी तय करने वाली रेल से डीजल भेजने के मौजूदा तरीके को बदल देगी। इस पाइपलाइन परियोजना का अनुमानित खर्च 346 करोड़ रुपये है और यह 30 महीनों के समय-सीमा में पूरा किया जाएगा।