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भारत 2024-26 के लिए ‘कोलंबो प्रोसेस’ का अध्यक्ष बना

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क्षेत्रीय समूह ‘कोलंबो प्रोसेस’ की 2003 में स्थापना के बाद पहली बार भारत इसका अध्यक्ष बना है। विदेश मंत्रालय ने यह जानकारी दी। ‘कोलंबो प्रोसेस’ क्षेत्रीय सलाहकार मंच है और एशिया के 12 देश इसके सदस्य हैं।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर जारी पोस्ट में बताया, ‘‘ सुरक्षित, व्यवस्थित और कानूनी प्रवास को बढ़ावा देना। भारत ने कोलंबो प्रोसेस की स्थापना के बाद पहली बार 2024-26 के लिए इसकी अध्यक्षता संभाली है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ कोलंबो प्रोसेस दक्षिण और दक्षिण पूर्व एशिया के प्रवासी श्रमिक मूल देशों की एक क्षेत्रीय परामर्श प्रक्रिया है। यह विदेशी रोजगार पर सर्वोत्तम प्रथाओं के आदान-प्रदान के लिए एक मंच के रूप में कार्य करता है।’’

क्षेत्रीय परामर्श प्रक्रिया

कोलंबो प्रक्रिया सदस्य देशों के लिए विदेशी रोजगार के संबंध में सर्वोत्तम प्रथाओं और नीतियों को साझा करने के लिए एक मंच के रूप में कार्य करती है। यह एक गैर-बाध्यकारी प्रक्रिया है जो प्रवास के प्रबंधन में सुधार और प्रवासी श्रमिकों के अधिकारों की रक्षा पर चर्चा की सुविधा प्रदान करती है।

भारत की भूमिका और योगदान

भारत कोलंबो प्रक्रिया में अपनी शुरुआत से ही सक्रिय भागीदार रहा है। इसने मंत्रिस्तरीय परामर्श, वरिष्ठ अधिकारियों की बैठकों और विषयगत क्षेत्र कार्य समूहों (TAWG) में भाग लिया है। भारत ने इस प्रक्रिया के तहत विभिन्न अध्ययनों में भी योगदान दिया है, जिसमें प्रेषण ढांचे, भर्ती एजेंसी रेटिंग और प्रवासी श्रमिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा पर अध्ययन शामिल हैं।

अंतर्राष्ट्रीय संगठनों से समर्थन

अंतर्राष्ट्रीय प्रवासन संगठन (आईओएम) की महानिदेशक एमी पोप ने भारत की नई भूमिका के लिए समर्थन व्यक्त किया। उन्होंने प्रवासी श्रमिकों के अधिकारों की रक्षा करने और सुरक्षित प्रवासन प्रथाओं को सुविधाजनक बनाने के प्रयासों में कोलंबो प्रक्रिया की सहायता करने के लिए आईओएम की प्रतिबद्धता पर जोर दिया।

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