भारत और विश्व बैंक ने चार राज्यों में ग्रीन नेशनल हाईवे कॉरिडोर परियोजना के निर्माण के लिए एक ऋण समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। ये राज्य हैं हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और आंध्र प्रदेश। इन राज्यों में पांच सौ मिलियन डॉलर की ऋण सहायता से सात सौ 81 किलोमीटर सडकों का निर्माण किया जाएगा।
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सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि इस परियोजना की लागत सात हजार 662 करोड़ रुपये से अधिक है। उन्होंने कहा कि ग्रीन नेशनल हाईवे कॉरिडोर प्रोजेक्ट का उद्देश्य जलवायु लचीलापन और हरित प्रौद्योगिकियों के उपयोग को ध्यान में रखते हुए सुरक्षित और हरित राजमार्ग बनाना है।
इस समझौते के तहत कौन से 4 राज्य शामिल हैं:
हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और आंध्र प्रदेश राज्यों में 781 किमी की कुल लंबाई का निर्माण किया जाएगा।
इस समझौते का उद्देश्य:
- ग्रीन हाईवे कॉरिडोर का उद्देश्य जलवायु लचीलेपन को ध्यान में रखते हुए सुरक्षित और हरित राजमार्गों का प्रदर्शन करना है और सीमेंट उपचारित उप आधार/पुनर्निर्मित डामर फुटपाथ का उपयोग करके प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के प्रावधानों को शामिल करके हरित प्रौद्योगिकियों का उपयोग करना है। राज्यसभा को बताया गया।
- स्थानीय/सीमांत सामग्री जैसे चूना, फ्लाई ऐश, अपशिष्ट प्लास्टिक, ढलान संरक्षण के लिए बायो-इंजीनियरिंग उपायों जैसे कि हाइड्रोसीडिंग, कोको/जूट फाइबर आदि का उपयोग सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की हरित प्रौद्योगिकियों को देश में लाने की क्षमता में वृद्धि करेगा।
- परिवहन के पर्यावरण के अनुकूल साधनों को बढ़ावा देने और परिवहन क्षेत्र को डीकार्बोनाइज करने के लिए, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने वैकल्पिक ईंधन पेश करने के लिए बड़े पैमाने पर उत्सर्जन मानकों को अधिसूचित किया है।
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