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भारत और सिंगापुर ने रक्षा और व्यापार संबंधों को गहरा किया

भारत और सिंगापुर ने आपसी रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने के लिए रक्षा सहयोग, तकनीकी नवाचार और संतुलित व्यापार संबंधों पर विशेष जोर दिया है। यह समझौते सिंगापुर के प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग की भारत यात्रा के दौरान हुए। यह यात्रा दोनों देशों के बीच 60 वर्ष पूरे होने का प्रतीक है और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में उनकी राजनीतिक, आर्थिक और रक्षा समन्वय की अहमियत को रेखांकित करती है।

रक्षा और प्रौद्योगिकी सहयोग : नया चरण

दोनों देशों ने रक्षा क्षेत्र में सह-विकास (Co-development) और सह-उत्पादन (Co-production) को आगे बढ़ाने पर सहमति जताई।

मुख्य बिंदु –

  • रक्षा प्रणालियों का संयुक्त विकास और उत्पादन

  • सैन्य प्रौद्योगिकी में संयुक्त अनुसंधान

  • प्रशिक्षण और सेवा-स्तरीय सहयोग का विस्तार

  • साझा उत्पादन व रणनीतिक अनुकूलता (interoperability) की रूपरेखा तैयार करना

पीएम नरेंद्र मोदी और पीएम लॉरेंस वोंग ने त्रि-सेवा सहयोग, प्रशिक्षण और भविष्य की तकनीकी साझेदारी को तेज़ी से आगे बढ़ाने पर बल दिया।

व्यापार वार्ता : AITIGA और CECA की समीक्षा

व्यापार संबंध भी बातचीत का अहम हिस्सा रहे, खासकर ASEAN-India Trade in Goods Agreement (AITIGA) के बाद से भारत के बढ़ते व्यापार घाटे को लेकर।

  • सिंगापुर ने भारत की चिंताओं को ASEAN तक पहुँचाने का भरोसा दिया।

  • दोनों पक्ष समझौते में संशोधन कर संतुलित व्यापार का रास्ता निकालने के इच्छुक हैं।

  • भारत–सिंगापुर व्यापक आर्थिक सहयोग समझौता (CECA) की भी समीक्षा जारी है।

  • भारत निर्यात क्षेत्रों को लाभ पहुँचाने के लिए शुल्क संरचना और गैर-शुल्क बाधाओं (non-tariff barriers) में सुधार की मांग कर रहा है।

कूटनीतिक और सांस्कृतिक महत्व

यह प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग की भारत की पहली आधिकारिक यात्रा थी, जो पीएम मोदी की 2024 सिंगापुर यात्रा के बाद हुई।

मुख्य झलकियाँ –

  • पीएम वोंग ने राजघाट पर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी।

  • उच्चस्तरीय मंत्रिमंडलीय प्रतिनिधिमंडल और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ भारत आए।

  • सांस्कृतिक संबंधों, शैक्षणिक सहयोग और लोग-से-लोग संपर्क पर बल दिया गया।

  • भारत की एक्ट ईस्ट नीति और ASEAN के साथ संबंधों में सिंगापुर की भूमिका को रेखांकित किया गया।

व्यापार और निवेश : मज़बूत होती साझेदारी

भारत और सिंगापुर के बीच आर्थिक सहयोग लगातार बढ़ा है।

  • द्विपक्षीय व्यापार 2004–05 में 6.7 अरब डॉलर से बढ़कर 2024–25 में 35 अरब डॉलर हुआ।

  • सिंगापुर भारत के शीर्ष विदेशी निवेशकों में से एक है।

  • निवेश प्रवाह, स्टार्टअप सहयोग और नवाचार-हितैषी नीतियों पर बातचीत हुई।

  • फिनटेक, स्वच्छ ऊर्जा, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) और लॉजिस्टिक्स जैसे क्षेत्रों पर विशेष ध्यान।

परीक्षा हेतु प्रमुख तथ्य

  • सितंबर 2025 में पीएम लॉरेंस वोंग ने भारत का दौरा किया – 60 वर्ष पूरे होने का अवसर।

  • द्विपक्षीय व्यापार 2004–05 के 6.7 अरब डॉलर से 2024–25 में 35 अरब डॉलर पहुँचा।

  • सिंगापुर ने ASEAN व्यापार घाटे को लेकर भारत का समर्थन किया।

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