भारत सरकार ने 29 नवंबर 2025 को एशियाई विकास बैंक (ADB) के साथ 800 मिलियन डॉलर से अधिक के ऋण और 1 मिलियन डॉलर के अनुदान सहित महत्वपूर्ण वित्तीय समझौतों पर हस्ताक्षर किए। यह धनराशि महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गुजरात और असम में सतत विकास से जुड़े परियोजनाओं के लिए निर्धारित की गई है। इन समझौतों में अवसंरचना सुधार, स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा, कौशल विकास और पर्यावरण संरक्षण का संतुलित समन्वय दिखाई देता है, जो इन राज्यों की आर्थिक और सामाजिक प्रगति को नई दिशा देने वाला है।
भारत और एशियाई विकास बैंक (ADB) के बीच दीर्घकालिक विकास साझेदारी समावेशी और सतत विकास पर आधारित रही है। हाल ही में हुए ये समझौते बिल्कुल समयानुकूल हैं, क्योंकि ये भारत की नीतिगत प्राथमिकताओं — नवीकरणीय ऊर्जा, स्मार्ट शहरी परिवहन, युवाओं के कौशल विकास और पारिस्थितिक पुनर्स्थापन — के साथ पूरी तरह मेल खाते हैं।
ADB का वित्तीय सहयोग भारत की परियोजना क्रियान्वयन क्षमता और विकास प्राथमिकताओं पर वैश्विक विश्वास को भी दर्शाता है।
महाराष्ट्र के लिए 500 मिलियन डॉलर का ऋण महाराष्ट्र पावर डिस्ट्रीब्यूशन एन्हांसमेंट प्रोग्राम के तहत कृषि सौर ऊर्जाकरण को बढ़ावा देने के लिए दिया गया है। इस परियोजना का लक्ष्य 2028 तक लगभग 9 लाख किसानों को दिन के समय सौर ऊर्जा आधारित सिंचाई उपलब्ध कराना है, जिससे डीज़ल पर निर्भरता कम होगी और कृषि उत्पादकता बढ़ेगी।
मुख्य विशेषताएँ:
सबस्टेशनों और ट्रांसफॉर्मरों का उन्नयन
नई हाई- और लो-टेंशन लाइनों का निर्माण
500 MWh बैटरी स्टोरेज क्षमता की स्थापना
यह पहल स्वच्छ ऊर्जा और कृषि लचीलापन बढ़ाने में महत्वपूर्ण कदम है।
¥27.1 बिलियन (लगभग 190.6 मिलियन डॉलर) का ऋण इंदौर मेट्रो परियोजना को वित्तपोषित करेगा। इसमें 8.62 किमी लंबा भूमिगत कॉरिडोर और सात स्टेशन शामिल होंगे, जो शहर के प्रमुख हिस्सों को जोड़ते हुए हवाईअड्डे तक बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करेगा।
परियोजना से अपेक्षित लाभ:
शहरी जाम में कमी
बस और फीडर सेवाओं के साथ एकीकृत परिवहन
जनवरी 2030 से संचालन की संभावित शुरुआत
तेज़ी से बढ़ते शहर इंदौर के लिए यह एक महत्वपूर्ण शहरी गतिशीलता सुधार होगा।
गुजरात के लिए 109.97 मिलियन डॉलर का ऋण उच्च मांग वाले क्षेत्रों में कार्यबल को उन्नत बनाने पर केंद्रित है, जैसे—
आईटी और मैन्युफैक्चरिंग
लॉजिस्टिक्स और ऑटोमोबाइल
नवीकरणीय ऊर्जा, स्वास्थ्य सेवाएँ और एग्री-टेक
परियोजना के तहत:
11 मेगा आईटीआई का उन्नयन
सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना
कौशल्या: द स्किल यूनिवर्सिटी (KSU) के साथ हब-एंड-स्पोक मॉडल का निर्माण
पाठ्यक्रम सीधे उद्योगों के सहयोग से तैयार किए जाएंगे ताकि युवाओं की रोजगार क्षमता बढ़ सके।
असम के लिए 1 मिलियन डॉलर की तकनीकी सहायता अनुदान SWIFT परियोजना के लिए दी गई है। इसका उद्देश्य बिलों (वेटलैंड्स) का पुनर्जीवन और मछली पालन को टिकाऊ आजीविका प्रणाली में बदलना है।
परियोजना के लक्ष्य:
4,000 हेक्टेयर से अधिक वेटलैंड मत्स्य क्षेत्रों का पुनर्स्थापन
स्वदेशी मछली उत्पादन में वृद्धि
भूजल पुनर्भरण और बाढ़ प्रबंधन में सुधार
स्थानीय शासन और मछुआ समुदाय की भागीदारी को सुदृढ़ करना
यह पहल पर्यावरण संरक्षण और आजीविका संवर्धन का उत्कृष्ट संयोजन प्रस्तुत करती है।
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