केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नई दिल्ली में वैदिक विरासत पोर्टल का उद्घाटन किया। पोर्टल का प्राथमिक उद्देश्य वेदों में निहित संदेशों को संप्रेषित करना और इसे आम लोगों के लिए अधिक सुलभ बनाना है।
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वैदिक विरासत पोर्टल के बारे में अधिक जानकारी:
केंद्रीय संस्कृति मंत्री जी किशन रेड्डी के अनुसार, वैदिक विरासत पोर्टल में अब चारों वेदों की ऑडियो-विजुअल रिकॉर्डिंग है। इन रिकॉर्डिंग में चार वेदों के 18,000 से अधिक मंत्र हैं, जिनकी कुल अवधि 550 घंटे से अधिक है।
वैदिक विरासत पोर्टल का महत्व:
पोर्टल वैदिक विरासत के बारे में जानकारी खोजने वाले किसी भी व्यक्ति के लिए वन-स्टॉप समाधान के रूप में कार्य करेगा, जिससे उनके लिए वेदों के संदेशों और शिक्षाओं को समझना आसान हो जाएगा।
पोर्टल से शोधकर्ताओं, विद्वानों और वैदिक विरासत में रुचि रखने वाले किसी भी व्यक्ति के लिए एक मूल्यवान संसाधन होने की उम्मीद है, जो उन्हें भारतीय संस्कृति के इस महत्वपूर्ण पहलू पर जानकारी के धन तक पहुंच प्रदान करता है।
इसका शुभारंभ भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने और बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
परियोजना “वृहत्तर भारत”:
पोर्टल का संचालन इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र करेगा और इसे केंद्र के स्थापना दिवस समारोह के दौरान शुरू किया गया था। केंद्र के सदस्य सचिव डॉक्टर सच्चिदानंद जोशी ने बताया कि पोर्टल से न केवल शोधकर्ताओं में वैदिक ज्ञान परंपराओं की समझ विकसित होगी बल्कि सामान्य लोगों को भी वेदों के बारे में जानकारी मिलेगी। उन्होंने कहा कि वेद और भारतीय ज्ञान प्रणाली स्थिर नहीं है बल्कि समकालीन हैं। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र वृहत्तर भारत परियोजना पर काम कर रहा है जिसमें भारत और 40 अन्य देशों के सांस्कृतिक संबंधों के विवरण का संकलन किया जा रहा है। इस परियोजना में कंबोडिया, वियतनाम, लाउस, मंगोलिया समेत दक्षिण-पूर्व एशियाई देश भी शामिल हैं।