राष्ट्रपति ने पूर्व स्वास्थ्य सचिव प्रीति सूदन को संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) का सदस्य नियुक्त किया गया है, एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी। संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) में एक अध्यक्ष का पद होता है और इसके अधिकतम 10 सदस्य हो सकते हैं। सूदन की नियुक्ति के बाद भी आयोग में अब भी चार सदस्यों के पद रिक्त हैं।
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आयोग के प्रत्येक सदस्य का कार्यकाल छह वर्ष के लिए या 65 वर्ष की आयु, जो भी पहले पूरी हो तक होता है। राष्ट्रपति द्वारा अध्यक्ष और सदस्यों को नियुक्त किया जाता है। वहीं, समयपूर्व राष्ट्रपति द्वारा संविधान में प्रदान की गई प्रक्रिया के तहत हटाया भी जा सकता है।
प्रीति सूदन जुलाई 2020 में स्वास्थ्य सचिव के रूप में सेवानिवृत्त हुईं थीं। सूदन ने महिला एवं बाल विकास मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय में भी काम किया है। अपने कैडर राज्य आंध्र प्रदेश में उन्होंने वित्त और योजना विभाग, आपदा प्रबंधन विभाग, पर्यटन विभाग और कृषि विभाग को संभाला था।
उनके उल्लेखनीय योगदान में राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग, संबद्ध स्वास्थ्य पेशेवर आयोग और ई-सिगरेट पर प्रतिबंध के अलावा देश के दो प्रमुख प्रमुख कार्यक्रम – बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ और आयुष्मान भारत योजना की शुरुआत करना शामिल है। सूदन विश्व बैंक की सलाहकार भी रही हैं।
संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS), भारतीय विदेश सेवा (IFS) और भारतीय पुलिस सेवा (IPS) सहित अन्य के अधिकारियों का चयन करने के लिए सालाना तीन चरणों – प्रारंभिक, मुख्य और साक्षात्कार आदि में सिविल सेवा परीक्षा आयोजित करता है।
सभी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण टेकअवे:
- यूपीएससी अध्यक्ष: मनोज सोनी;
- यूपीएससी की स्थापना: 1 अक्टूबर 1926;
- यूपीएससी संस्थापक: यूनाइटेड किंगडम सरकार।