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तामस सुल्योक बने हंगरी के नए राष्ट्रपति

तामस सुल्योक बने हंगरी के नए राष्ट्रपति |_3.1

विवादास्पद क्षमादान पर पिछले प्रमुख के इस्तीफे के बाद हंगरी की संसद ने तामस सुल्योक को राष्ट्रपति नियुक्त किया है। राजनीतिक पूर्वाग्रह की चिंताओं के बीच विपक्ष ने प्रत्यक्ष चुनाव का आह्वान किया।

हंगरी की संसद ने हाल ही में बाल यौन शोषण मामले में दी गई विवादास्पद माफी से जुड़े घोटाले के बीच पिछले राज्य प्रमुख के इस्तीफे के बाद एक नया राष्ट्रपति नियुक्त किया है। हंगरी के संवैधानिक न्यायालय के पूर्व प्रमुख तामस सुल्योक की नियुक्ति ने प्रत्यक्ष राष्ट्रपति चुनाव की मांग करने वाले विपक्षी दलों के बीच बहस छेड़ दी।

तामस सुल्योक का चुनाव

  • पृष्ठभूमि: 67 वर्षीय वकील तामस सुल्योक ने एक गुप्त संसदीय वोट के बाद राष्ट्रपति पद ग्रहण किया, उन्हें पक्ष में 134 और विरोध में पांच वोट मिले।
  • विपक्ष की चिंताएँ: नियुक्तियों में कथित राजनीतिक पूर्वाग्रह को रोकने के लिए प्रत्यक्ष राष्ट्रपति चुनाव की वकालत करते हुए कई विपक्षी दलों ने मतदान में भाग नहीं लिया।
  • सुल्योक की स्थिति: अपने स्वीकृति भाषण में, सुलिओक ने कानून के शासन को बनाए रखने और राजनीतिक मामलों में प्रत्यक्ष भागीदारी से बचने की अपनी प्रतिबद्धता पर जोर दिया।

राष्ट्रपति की शक्तियाँ और भूमिका

  • औपचारिक स्थिति: हंगेरियन राष्ट्रपति पद काफी हद तक प्रतीकात्मक है, जिसमें कानून को प्रभावित करने या राजनीतिक मामलों में हस्तक्षेप करने की सीमित शक्तियां हैं।
  • निर्णय लेने वाला प्राधिकरण: जबकि राष्ट्रपति बिलों को कानून निर्माताओं को वापस भेज सकते हैं या संवैधानिक न्यायालय की समीक्षा का अनुरोध कर सकते हैं, उनका प्रभाव काफी हद तक प्रक्रियात्मक रहता है।

यूरोपीय संघ की चिंताओं को संबोधित करना

  • कानून-संबंधी विवाद: सुल्योक ने हंगरी और यूरोपीय संघ के बीच चल रहे विवादों का संदर्भ दिया, जिसमें कानून-शासन और लोकतांत्रिक सिद्धांतों पर चिंताओं को उजागर किया गया।
  • संप्रभुता और यूरोपीय संघ की सदस्यता: सदस्यता दायित्वों के बीच इस सिद्धांत की चुनौतियों के बावजूद, उन्होंने यूरोपीय संघ के ढांचे के भीतर राष्ट्रीय संप्रभुता के महत्व पर जोर दिया।

पिछले राष्ट्रपति का इस्तीफा

  • स्कैंडल फॉलआउट: हंगरी के पूर्व राष्ट्रपति का इस्तीफा बाल यौन शोषण मामले में फंसे एक व्यक्ति को दी गई विवादास्पद माफ़ी पर सार्वजनिक आक्रोश के कारण हुआ।
  • राजनीतिक परिणाम: इस घोटाले ने प्रधान मंत्री विक्टर ओर्बन की सरकार पर छाया डाली, जिससे अभूतपूर्व जांच और आलोचना हुई।

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