मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि जलविद्युत परियोजनाओं में हिमाचल प्रदेश की हिस्सेदारी बढ़ाने के उद्देश्य से सरकार नई ऊर्जा नीति बनाने पर विचार कर रही है। नई ऊर्जा नीति के तहत भविष्य में निश्शुल्क बिजली रायल्टी में छूट का प्रविधान पूरी तरह समाप्त कर दिया जाएगा। पूर्व में दी गई छूट को समाप्त करने पर विचार किया जाएगा। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि जिन परियोजनाओं की लागत वसूल हो गई है, उनमें राज्य की हिस्सेदारी बढ़ाने के प्रयास किए जाएंगे। इसके लिए केंद्र सरकार और अन्य सार्वजनिक उपक्रमों से पत्राचार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि भविष्य की जलविद्युत परियोजनाओं के लिए सरकार की नीति के अनुसार भूमि 40 वर्ष के पट्टे पर दी जाएगी।
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कंपनी ने मुख्यमंत्री के प्रस्ताव को निदेशक मंडल के समक्ष प्रस्तुत करने का आश्वासन दिया। हिंदुस्तान पेट्रोलियम कारपोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) की ओर से 30 एकड़ भूमि पर लगभग 500 करोड़ रुपये की लागत से यह संयंत्र स्थापित किया जाएगा।मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन को भंजाल से संपर्क सड़क के लिए 10 दिनों के भीतर भूमि अधिग्रहण कार्य शुरू करने का भी निर्देश दिया। साथ ही प्लांट के निर्माण में आने वाली सभी बाधाओं को दूर करने का भी आश्वासन दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह प्लांट स्थानीय लोगों को रोजगार और स्वरोजगार के अवसर प्रदान करेगा और कांगड़ा, हमीरपुर, बिलासपुर जिला तथा पंजाब के निकटवर्ती जिलों के किसान अनाज आधारित इथेनॉल प्लांट से लाभान्वित होंगे। कंपनी के अनुरोध पर मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन को संयंत्र के लिए 20 एकड़ अतिरिक्त भूमि उपलब्ध करवाने के भी निर्देश दिए। विधायक चैतन्य शर्मा ने अपने विधानसभा क्षेत्र में इथेनॉल परियोजना के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इससे गगरेट क्षेत्र के लोगों को लाभ होगा और परिवहन उद्योग के लिए भी यह वरदान साबित होगा।