Home   »   गृहम हाउसिंग पूर्व सिटी बैंकर अर्जुन...

गृहम हाउसिंग पूर्व सिटी बैंकर अर्जुन चौधरी को सीईओ नियुक्त करेगी

गृहुम हाउसिंग फ़ाइनेंस, जो कि TPG समर्थित मॉर्टगेज ऋणदाता है, अपने नए प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (MD & CEO) के रूप में अरजुन चौधरी की नियुक्ति करने जा रहा है। अरजुन चौधरी पूर्व में सिटीबैंक और एक्सिस बैंक में वरिष्ठ पदों पर कार्य कर चुके हैं। यह नियुक्ति वर्तमान MD & CEO मनीष जायसवाल के त्यागपत्र के बाद हो रही है, जिनका कार्यकाल 31 अगस्त को समाप्त होगा। हालांकि, वे 31 दिसंबर तक सलाहकार की भूमिका में जुड़े रहेंगे।

नेतृत्व में बदलाव: मनीष जायसवाल से अरजुन चौधरी तक

गृहुम ने 21 अगस्त को स्टॉक एक्सचेंज नोटिस के माध्यम से जायसवाल के इस्तीफ़े की जानकारी दी थी और जल्द ही उत्तराधिकारी के नाम की घोषणा करने की बात कही थी। चौधरी की नियुक्ति के साथ कंपनी संकेत दे रही है कि अब उसका ध्यान कम आय वाले आवास क्षेत्रों (Low-Income Housing Segments) तक पहुंच बढ़ाने पर होगा।

अरजुन चौधरी का अनुभव

चौधरी वित्तीय क्षेत्र में दो दशकों से अधिक का अनुभव रखते हैं, जिसमें शामिल है—

  • सिटीबैंक में वरिष्ठ भूमिकाएँ, विशेषकर रिटेल बैंकिंग में

  • एक्सिस बैंक में दो वर्षों से अधिक समय तक हेड ऑफ रिटेल लेंडिंग और क्रेडिट कार्ड्स

  • हाल ही में उन्होंने “उद्यमशील महत्वाकांक्षाओं” को आगे बढ़ाने के लिए पद छोड़ा था, अब वे गृहुम की नेतृत्व जिम्मेदारी संभालेंगे

रणनीतिक दिशा और नेतृत्व का महत्व

TPG और गृहुम के बोर्ड का मानना है कि चौधरी की विशेषज्ञता रिटेल क्रेडिट, जोखिम प्रबंधन और क्रेडिट असेसमेंट में है, जो कंपनी के मिशन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। गृहुम का लक्ष्य है—

  • ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में ऋण पहुंच बढ़ाना

  • डिजिटल क्रेडिट डिलीवरी सिस्टम को मजबूत करना

  • अनौपचारिक क्षेत्र के उधारकर्ताओं के लिए जोखिम-समायोजित ऋण मॉडल विकसित करना

उद्योग में व्यापक बदलाव

गृहुम के साथ-साथ आवास वित्त क्षेत्र में अन्य अहम बदलाव भी हो रहे हैं—

  • गिरीश कौसगी, जो PNB हाउसिंग फ़ाइनेंस के MD हैं, जल्द ही IIFL होम फ़ाइनेंस में CEO के रूप में जुड़ेंगे

  • मोनू रात्रा, जो पहले IIFL के CEO थे, उन्होंने नए करियर अवसरों की खोज के लिए पद छोड़ा

  • कौसगी 28 अक्टूबर तक PNB हाउसिंग के साथ बने रहेंगे ताकि संक्रमण सुचारू रूप से हो सके

ये परिवर्तन दर्शाते हैं कि सस्ते आवास वित्त बाज़ार (Affordable Housing Finance Market) में प्रतिस्पर्धा बढ़ रही है और यह क्षेत्र सरकारी नीतिगत समर्थन तथा बढ़ती मांग के चलते तेज़ी से विस्तार की ओर अग्रसर है।

prime_image