इंदौर नगर निगम हरित बॉन्ड जारी करने वाला देश का पहला शहरी निकाय बन गया है। इस बॉन्ड के जरिये निगम की 244 करोड़ रुपये जुटाने की योजना है। इंदौर नगर निगम का बॉन्ड 10 फरवरी को खुलेगा और 14 फरवरी को बंद होगा। इसे नेशनल स्टॉक एक्सचेंज पर सूचीबद्ध किया जाएगा। लॉन्च होने के बाद चौथे सप्ताह में बॉन्ड के एनएसई में लिस्टेड होने की संभावना है।
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इस राशि का इस्तेमाल 60 मेगावॉट क्षमता वाला सौर संयंत्र लगाने के लिए किया जाएगा। यह संयंत्र इंदौर के वाटर पंप स्टेशन पर लगाया जाएगा। शहर को अधिक साफ-सुथरा बनाने और संसाधनों की बचत के लिए पंपिंग स्टेशन पर सौर संयंत्र लगाने की योजना है। इस पर करीब 305 करोड़ रुपये का निवेश होगा। सौर संयंत्र बन जाने पर पांच-छह करोड़ रुपये का बिजली बिल बचेगा। इंदौर नगर निगम शहर में पेयजल आपूर्ति के लिए जलूद से पानी पंपिंग करता है। इसके लिए हर महीने बिजली बिल पर 25 करोड़ रुपये खर्च होते हैं।
ग्रीन बॉन्ड से क्या तात्पर्य है?
ग्रीन बॉन्ड एक ऋण सुरक्षा है जो किसी संगठन द्वारा उन परियोजनाओं के वित्तपोषण या पुनर्वित्त के उद्देश्य से जारी किया जाता है जो पर्यावरण और/या जलवायु में सकारात्मक योगदान देते हैं। ग्रीन बॉण्ड ऋण प्राप्ति का एक साधन है जिसके माध्यम से ग्रीन ’परियोजनाओं के लिये धन जुटाया जाता है, यह मुख्यतः नवीकरणीय ऊर्जा, स्वच्छ परिवहन, स्थायी जल प्रबंधन आदि से संबंधित होता है।
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