भारत सरकार ने 1 दिसंबर 2022 से राष्ट्रीय मुनाफाखोरी रोधी प्राधिकरण (एनएए) को समाप्त करने का निर्णय लिया है क्योंकि इसका बढ़ाया गया कार्यकाल 30 नवंबर 2022 को समाप्त हो रहा हैं। 1 दिसंबर 2022 से वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) से सम्बंधित मुनाफाखोरी विरोधी शिकायतें होंगी अब भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) द्वारा निपटाया जायेगा।
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सितंबर 2021 में हुए 45वीं बैठक में जीएसटी की शीर्ष निर्याणक संस्था ,जीएसटी परिषद ने एनएए का कार्यकाल एक साल और, 30 नवंबर 2022 तक बढ़ाने का निर्णय लिया था और उसके बाद सीसीआई को यह काम सौंपने का भी फैसला किया था। राष्ट्रीय मुनाफाखोरी रोधी प्राधिकरण (एनएए) की स्थापना 30 नवंबर 2017 को भारत सरकार द्वारा वस्तु एवं सेवा कर अधिनियम 2017 की धारा 171 के तहत की गई थी। भारत में 1 जुलाई 2017 से वस्तु एवं सेवा कर लागू किया गया है।
एनएए का मुख्य कार्य जीएसटी कानून के तहत पंजीकृत आपूर्तिकर्ताओं द्वारा अनुचित मुनाफाखोरी गतिविधियों की जांच करना है। यह सुनिश्चित करता है कि जीएसटी परिषद द्वारा की गई वस्तुओं और सेवाओं पर जीएसटी दरों में कमी और इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ आपूर्तिकर्ताओं द्वारा कीमतों में कमी के माध्यम से प्राप्तकर्ताओं को दिया जाये।