भारत सरकार ने वित्तीय क्षेत्र में उदारीकरण की दिशा में एक बड़ा नीतिगत कदम उठाते हुए बीमा क्षेत्र (Insurance Sector) में 100% प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) की अनुमति देने संबंधी अधिसूचना जारी की है। संसद से अनुमोदन मिलने के बाद यह प्रावधान वर्तमान 74% की सीमा को समाप्त कर देगा। इससे भारत के बीमा उद्योग में विदेशी पूंजी का प्रवाह बढ़ने के साथ-साथ नवाचार और प्रतिस्पर्धा को भी बढ़ावा मिलेगा।
नई अधिसूचना के मुख्य बिंदु
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यह प्रावधान भारतीय बीमा कंपनियाँ (विदेशी निवेश) संशोधन नियम, 2025 (Indian Insurance Companies – Foreign Investment – Amendment Rules, 2025) में शामिल है।
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74% FDI सीमा को हटाकर प्रावधान किया गया है कि निवेश बीमा अधिनियम, 1938 के अनुसार होगा।
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100% FDI स्वतः मार्ग (Automatic Route) से अनुमत होगा, लेकिन इसे भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) द्वारा सत्यापित किया जाएगा।
बीमा क्षेत्र पर संभावित प्रभाव
विकास क्षमता का खुलना
भारतीय बीमा क्षेत्र में प्रतिवर्ष 7.1% की दर से वृद्धि का अनुमान है, जिसके पीछे प्रमुख कारण हैं:
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जीवन एवं स्वास्थ्य बीमा की बढ़ती मांग
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वित्तीय साक्षरता और डिजिटल अपनाने में वृद्धि
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सरकार की वित्तीय समावेशन और सामाजिक सुरक्षा योजनाएँ
100% FDI के लाभ
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वैश्विक बीमा कंपनियों का आकर्षण बढ़ेगा
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नए उत्पादों और तकनीक आधारित समाधानों को बढ़ावा मिलेगा
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पूंजी पर्याप्तता (Capital Adequacy) में सुधार होगा, जिससे ग्रामीण और छोटे शहरों तक गहरी पहुँच बनेगी
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क्लेम मैनेजमेंट और अंडरराइटिंग प्रक्रियाओं का आधुनिकीकरण होगा
IRDAI की भूमिका
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विदेशी निवेश की निगरानी और सत्यापन
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नियामकीय अनुपालन सुनिश्चित करना
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बीमा क्षेत्र की वित्तीय स्थिरता बनाए रखना, ताकि आम जनता के हित सुरक्षित रहें


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