केंद्र सरकार ने आठ नई रेल लाइन परियोजनाओं को मंजूरी दी है। इनसे रेल यात्रा में सहजता, माल ढुलाई की लागत में कमी के साथ-साथ राज्यों के बीच संपर्क बढ़ाने में मदद मिलेगी। इसका सबसे ज्यादा फायदा बिहार, झारखंड, ओडिशा, बंगाल और महाराष्ट्र समेत पूर्वोत्तर के राज्यों को मिलेगा।
केंद्रीय कैबिनेट की हुई बैठक के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए सूचना- प्रसारण एवं रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि प्रस्तावित परियोजनाएं हाल में ही पारित बजट की नई परिकल्पना पूर्वोदय के अनुकूल है, जिसमें पूर्वोत्तर के राज्यों के विकास की विशेष चिंता की गई है। इससे आर्थिक विकास के साथ रोजगार में भी वृद्धि होगी।
पीएम-गतिशक्ति प्लान के तहत सभी परियोजनाओं को वर्ष 2030-31 तक पूरा कर लिया जाएगा। इनपर कुल 24 हजार 657 करोड़ की लागत आएगी।कैबिनेट ने भागलपुर के पास गंगा पर 26 किमी लंबी बिक्रमशिला-कटारिया न्यू डबल लाइन के साथ ब्रिज को मंजूर कर दिया है। इसपर 2,549 करोड़ रुपये खर्च होंगे। वर्षों से इसकी मांग चली आ रही थी। इससे नेपाल से बिहार होते हुए झारखंड तक जाना आसान हो जाएगा।
पूर्वोदय के अन्य राज्यों के संपर्क में वृद्धि होगी और बंदरगाह तक सामान की ढुलाई आसान होगी। इन रेल मार्गों से कृषि उत्पाद, उर्वरक, कोयला, लौह अयस्क, स्टील, सीमेंट, बाक्साइट, ग्रेनाइट, चूना पत्थर, एल्यूमीनियम पाउडर एवं गिट्टी आदि का परिवहन आसान हो जाएगा। कार्बन उत्सर्जन कम हो जाएगा, जिससे पर्यावरण को भी संतुलित करने में मदद मिलेगी। सामान ढुलाई की मात्रा भी बढ़ जाएगी।
नई रेल लाइनों के निर्माण से पूर्वोदय की अवधारणा में शामिल सात राज्यों के 14 जिलों की रेल संपर्कता बढ़ेगी। साथ ही रेलवे के मौजूदा नेटवर्क में 900 किलोमीटर की वृद्धि होगी। रेल लाइनों पर 64 नए स्टेशन बनाए जाएंगे, जो पूर्वी सिंहभूम, कालाहांडी, मलकानगिरी, नबरंगपुर, रायगढ़ को कनेक्टिविटी प्रदान करेंगे। इससे 510 गांव की लगभग 40 लाख आबादी के बीच विकास का असर देखा जा सकेगा। महाराष्ट्र की रेल लाइन से यूनेस्को के विश्व धरोहर स्थल अजंता की गुफाएं भी रेल नेटवर्क से जुड़ेंगी, जिससे बड़ी संख्या में पर्यटकों को सुविधा मिलेगी।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रेलवे बोर्ड को वैधानिक शक्तियां प्रदान करने के लिए शुक्रवार को लोकसभा में एक विधेयक पेश किया। रेलवे (संशोधन) विधेयक, 2024 का उद्देश्य रेलवे बोर्ड के कामकाज और स्वतंत्रता को बढ़ाना है। वैष्णव ने कहा कि इस विधेयक के माध्यम से भारतीय रेलवे बोर्ड अधिनियम, 1905 के सभी प्रविधानों को रेलवे अधिनियम, 1989 में शामिल करने का प्रस्ताव है। इससे दो कानूनों का संदर्भ लेने की आवश्यकता कम हो जाएगी।
इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि आठ नई रेलवे लाइन परियोजनाओं को मंजूरी मिलने से कनेक्टिविटी से संबंधित बुनियादी ढांचे को बढ़ावा मिलेगा। यह वाणिज्य और कनेक्टिविटी के लिए बहुत अच्छी खबर है और इससे रोजगार सृजन भी बढ़ेगा। प्रधानमंत्री जी-वन योजना में संशोधन से आत्मनिर्भरता की दिशा में हमारे प्रयासों को बढ़ावा मिलेगा और ऊर्जा सुरक्षा को प्रोत्साहन मिलेगा।
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