स्वच्छ गंगा राष्ट्रीय मिशन (NMCG) की 11वीं कार्यकारी समिति की बैठक ने हाल ही में 86.84 करोड़ रुपये के कुल बजट के साथ नमामि गंगे कार्यक्रम के लिए भौगोलिक सूचना प्रणाली (GIS) प्रौद्योगिकी के उपयोग को शामिल करने वाली परियोजना को मंजूरी दी है.
जीआईएस प्रौद्योगिकी के माध्यम से गंगा कायाकल्प कार्य को सुविधाजनक बनाने के लिए, स्वच्छ गंगा के राष्ट्रीय मिशन ने 1767 में स्थापित देश के सबसे पुराने वैज्ञानिक विभाग, सर्वे ऑफ़ इंडिया के साथ करार किया है. इस परियोजना में डिजिटल एलिवेशन मॉडल (DEM) तकनीक का उपयोग शामिल है जो सटीक डाटा संग्रह सुनिश्चित करता है.
नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा ने पांच मुख्य स्टेम (प्रातिपादिका) गंगा बेसिन राज्यों, अर्थात् उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल के राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (SPCB) को मजबूत करने के लिए परियोजना को भी मंजूरी दी है. परियोजना को 5 साल के लिए 85.9 7 रुपये की अनुमानित लागत पर अनुमोदित किया गया था.
स्रोत-प्रेस इनफार्मेशन ब्यूरो (PIB)
नाबार्ड ग्रेड-A परीक्षा 2018 के लिए मुख्य तथ्य-
- नितिन जयराम गडकरी जल संसाधन, नदी विकास और गंगा कायाकल्प मंत्री हैं.