भारत सरकार ने कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के आधुनिकीकरण और देशभर में सामाजिक सुरक्षा कवरेज के विस्तार के लिए कई बड़े सुधारों की घोषणा की है। केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने गुजरात के वटवा में EPFO के नव-निर्मित भविष्य निधि भवन के उद्घाटन के अवसर पर इन पहलों की जानकारी साझा की। इन सुधारों का उद्देश्य EPFO सेवाओं को अधिक सुलभ, प्रौद्योगिकी-संचालित और नागरिक-अनुकूल बनाना तथा श्रमिकों की वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित करना है।
घोषित प्रमुख EPFO सुधार
EPFO सेवाओं में सुधार के लिए निम्नलिखित प्रमुख कदम घोषित किए गए हैं—
- आधुनिक, प्रौद्योगिकी-सक्षम EPFO कार्यालय और सिंगल-विंडो सेवा
- किसी भी EPFO क्षेत्रीय कार्यालय में EPF समस्याओं का समाधान
- सदस्यों की सहायता के लिए EPF सुविधा प्रदाताओं की शुरुआत
- निष्क्रिय EPF खातों को सक्रिय करने हेतु मिशन-मोड KYC अभियान
- तेज़ दावा निपटान के लिए सरलीकृत डिजिटल प्लेटफॉर्म
- FTAs के माध्यम से विदेश में कार्यरत भारतीय श्रमिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा
- मार्च 2026 तक 100 करोड़ नागरिकों को सामाजिक सुरक्षा के दायरे में लाने का लक्ष्य
सुधारों का विस्तृत विवरण
1. आधुनिक, तकनीक-सक्षम EPFO कार्यालय
- देशभर के EPFO कार्यालयों को पासपोर्ट सेवा केंद्रों की तर्ज पर आधुनिक, नागरिक-केंद्रित सेवा केंद्रों के रूप में विकसित किया जा रहा है।
- ये कार्यालय सिंगल-विंडो सेवा के रूप में कार्य करेंगे, जिससे EPF से जुड़ी सभी समस्याओं का त्वरित समाधान संभव होगा।
- दिल्ली में इसका पायलट प्रोजेक्ट पहले से चल रहा है।
2. किसी भी कार्यालय से सेवा सुविधा
- नई व्यवस्था के तहत EPF सदस्यों को अब अपने मूल या लिंक्ड EPFO कार्यालय जाने की आवश्यकता नहीं होगी।
- वे देश के किसी भी क्षेत्रीय EPFO कार्यालय में जाकर अपनी शिकायतों का समाधान करा सकेंगे, जिससे सुविधा और लचीलापन बढ़ेगा।
3. EPF सुविधा प्रदाताओं की शुरुआत
- डिजिटल प्रक्रियाओं से अपरिचित श्रमिकों की सहायता के लिए EPF सुविधा प्रदाता शुरू किए जाएंगे।
- ये अधिकृत सहायक प्रक्रियाएं समझाने, दावे दाखिल करने और EPFO लाभों तक पहुंच में मदद करेंगे, विशेषकर पहली बार उपयोग करने वालों को।
4. निष्क्रिय खातों के लिए मिशन-मोड KYC अभियान
- अपूर्ण KYC या पहुंच संबंधी समस्याओं के कारण बड़ी राशि निष्क्रिय EPF खातों में फंसी हुई है।
- EPFO मिशन-मोड KYC सत्यापन अभियान चलाकर इन निधियों को उनके वास्तविक लाभार्थियों तक पहुंचाएगा।
5. सरलीकृत डिजिटल दावा निपटान
- दावों की आसान फाइलिंग और तेज़ निपटान के लिए एक समर्पित डिजिटल प्लेटफॉर्म लाया जाएगा।
- ₹5 लाख तक के दावों का स्वचालित निपटान पहले ही लागू किया जा चुका है, जिससे देरी और कागजी कार्रवाई कम हुई है।
6. विदेश में कार्यरत भारतीयों के लिए सामाजिक सुरक्षा
- भारत के मुक्त व्यापार समझौतों (FTAs) में अब सामाजिक सुरक्षा प्रावधान शामिल किए जाएंगे।
- इससे विदेश में कार्यरत भारतीय श्रमिक अपने PF योगदान बनाए रख सकेंगे और भारत लौटने पर भी लाभ प्राप्त कर सकेंगे—जैसा कि भारत–यूके FTA में प्रावधान है।
7. सामाजिक सुरक्षा कवरेज का विस्तार
- 2014 से पहले भारत में सामाजिक सुरक्षा कवरेज 19% था, जो अब 64% हो चुका है।
- वर्तमान में लगभग 94 करोड़ लोग सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के अंतर्गत कवर हैं।
- सरकार का लक्ष्य मार्च 2026 तक 100 करोड़ नागरिकों को सामाजिक सुरक्षा के दायरे में लाना है।
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO)
- कर्मचारी भविष्य निधि एवं विविध प्रावधान अधिनियम, 1952 के तहत स्थापित वैधानिक निकाय
- श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के अधीन कार्यरत
- केंद्रीय न्यासी बोर्ड द्वारा प्रशासित (सरकार, नियोक्ता और कर्मचारी—त्रिपक्षीय संरचना)
- तीन योजनाओं का प्रबंधन: EPF (1952), EPS (1995), EDLI (1976)
- EPS के तहत 58 वर्ष की आयु में न्यूनतम 10 वर्ष की सेवा पर पेंशन
- सुप्रीम कोर्ट ने हाल में नियोक्ता की सहमति से उच्च पेंशन योगदान का विकल्प चुनने हेतु अतिरिक्त समय की अनुमति दी
मुख्य बिंदु
- EPFO कार्यालय सिंगल-विंडो, तकनीक-सक्षम सेवा केंद्र बनेंगे
- नागरिक सहायता के लिए EPF सुविधा प्रदाता शुरू होंगे
- निष्क्रिय खातों को खोलने हेतु मिशन-मोड KYC अभियान
- भारत के FTAs में सामाजिक सुरक्षा प्रावधान शामिल
- मार्च 2026 तक 100 करोड़ नागरिकों को सामाजिक सुरक्षा का लक्ष्य
- EPFO कोष: ₹28 लाख करोड़ | ब्याज दर: 8.25%


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