अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की उप प्रबंध निदेशक गीता गोपीनाथ ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने एलान किया कि वो दोबारा हावर्ड विश्वविद्यालय लौटना चाहती हैं। आईएमएफ की नंबर-2 की कुर्सी संभालने वालीं गीता पहली महिला हैं। गीता गोपीनाथ पहली महिला हैं, जो आईएमएफ की चीफ इकोनॉमिस्ट बनीं। उनका यह निर्णय IMF में एक महत्वपूर्ण युग का समापन है, जहाँ उन्होंने COVID-19 महामारी और रूस-यूक्रेन संघर्ष जैसी वैश्विक आपदाओं के दौरान महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। गोपीनाथ के कार्यकाल के दौरान IMF के शोध, विश्लेषण और वैश्विक आर्थिक समन्वय को नई ऊंचाइयाँ मिलीं, जिसे वैश्विक स्तर पर सराहा गया है।
पृष्ठभूमि और IMF में करियर
गीता गोपीनाथ ने 2019 में IMF की मुख्य अर्थशास्त्री के रूप में कार्यभार संभाला, और इस पद को संभालने वाली पहली महिला बनीं। जनवरी 2022 में उन्हें पदोन्नत कर प्रथम उप प्रबंध निदेशक (First Deputy Managing Director) बनाया गया, जिससे वह IMF की दूसरी सबसे वरिष्ठ अधिकारी बन गईं। उनका कार्यकाल कई वैश्विक संकटों—जैसे COVID-19 महामारी के आर्थिक प्रभाव और भू-राजनीतिक अशांति—से भरा रहा। अंतरराष्ट्रीय वित्त और समष्टि अर्थशास्त्र की अग्रणी विद्वान के रूप में उन्होंने IMF की नीतिगत प्रतिक्रिया और प्रमुख रिपोर्टों के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
भूमिका और इस्तीफ़े का महत्व
प्रथम उप प्रबंध निदेशक के रूप में गोपीनाथ IMF की बहुपक्षीय निगरानी, राजकोषीय और मौद्रिक नीति अनुसंधान, ऋण विश्लेषण और अंतरराष्ट्रीय व्यापार ढांचे की देखरेख करती थीं। उनके नेतृत्व ने नीति-निर्माण में शैक्षणिक गहराई और विश्लेषणात्मक स्पष्टता प्रदान की। उनके इस्तीफे से अमेरिका के ट्रेजरी विभाग को—जो आमतौर पर इस पद के लिए उम्मीदवार सुझाता है—उत्तराधिकारी चुनने का अवसर मिलेगा। यह बदलाव ऐसे समय में हो रहा है जब वैश्विक आर्थिक पुनर्रचना और बहुपक्षीय शासन में परिवर्तन पर व्यापक बहस चल रही है।
वैश्विक आर्थिक विमर्श पर प्रभाव
गोपीनाथ का प्रभाव IMF तक सीमित नहीं रहा। उन्होंने आर्थिक पुनरुद्धार के ढांचे, सामूहिक राजकोषीय प्रोत्साहन, ऋण राहत, और समावेशी विकास की पुरजोर वकालत की। उनका कार्य मुद्रास्फीति नियंत्रण, व्यापार सुधार, और जलवायु वित्त जैसे विषयों पर वैश्विक संवाद को दिशा देने वाला रहा। हार्वर्ड लौटने के बाद भी वे शैक्षणिक अनुसंधान और अध्यापन के माध्यम से वैश्विक मुद्दों पर योगदान देती रहेंगी।
भविष्य की संभावनाएँ
IMF की प्रबंध निदेशक क्रिस्टालिना जॉर्जीवा शीघ्र ही गोपीनाथ के उत्तराधिकारी की घोषणा करेंगी। यह केवल एक नेतृत्व परिवर्तन नहीं बल्कि IMF की बौद्धिक दिशा में संभावित बदलाव का संकेत भी हो सकता है। वहीं, हार्वर्ड में लौटकर गोपीनाथ नई पीढ़ी के अर्थशास्त्रियों को मार्गदर्शन देंगी और वैश्विक आर्थिक नीतियों पर अत्याधुनिक शोध कार्य जारी रखेंगी।
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