पूर्व भारतीय ऑलराउंडर सैयद आबिद अली का 83 साल की उम्र में निधन

क्रिकेट जगत ने पूर्व भारतीय ऑलराउंडर सैयद आबिद अली के निधन पर शोक व्यक्त किया, जो 83 वर्ष की आयु में अमेरिका में चल बसे। अपनी उल्लेखनीय फुर्ती, ऑलराउंड प्रदर्शन और भारतीय क्रिकेट में महत्वपूर्ण योगदान के लिए प्रसिद्ध, आबिद अली ने खेल के कई यादगार पलों को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

प्रारंभिक जीवन और क्रिकेट यात्रा

हैदराबाद में जन्मे आबिद अली ने एक भरोसेमंद ऑलराउंडर के रूप में भारतीय क्रिकेट में अपनी पहचान बनाई। वह स्विंग गेंदबाजी में माहिर थे, निचले क्रम में उपयोगी बल्लेबाजी करते थे और अपने समय के सबसे चुस्त क्षेत्ररक्षकों में गिने जाते थे।

टेस्ट डेब्यू और यादगार प्रदर्शन

आबिद अली ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ब्रिस्बेन में अपने टेस्ट करियर की शुरुआत की और पहले ही मैच में छह विकेट लेकर क्रिकेट जगत को चौंका दिया। इसी श्रृंखला में, सिडनी टेस्ट में उन्होंने 78 और 81 रनों की दो शानदार अर्धशतकीय पारियां खेलकर खुद को एक सक्षम ऑलराउंडर साबित किया।

इंग्लैंड के खिलाफ ऐतिहासिक जीत में भूमिका (1971)

आबिद अली की सबसे यादगार पारियों में से एक इंग्लैंड के खिलाफ 1971 के ओवल टेस्ट में आई, जहां उन्होंने विजयी रन बनाकर भारत को ऐतिहासिक जीत दिलाई। यह जीत भारतीय क्रिकेट के उभरते वर्चस्व का प्रतीक बनी।

प्रथम श्रेणी क्रिकेट और कोचिंग करियर

अपने अंतरराष्ट्रीय करियर के अलावा, आबिद अली ने 22 वर्षों तक हैदराबाद और साउथ ज़ोन के लिए प्रथम श्रेणी क्रिकेट खेला। संन्यास के बाद, उन्होंने कोचिंग में कदम रखा और विभिन्न देशों में टीमों को प्रशिक्षित किया।

कोचिंग कार्यकाल

  • आंध्र प्रदेश रणजी टीम: आंध्र की टीम को संघर्ष से निकालकर एलीट डिवीजन तक पहुंचाने में मदद की।
  • यूएई क्रिकेट टीम: 2001 में यूएई टीम के कोच बने और अपनी रणनीति से टीम को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया।
  • मालदीव क्रिकेट टीम: मालदीव क्रिकेट के बुनियादी ढांचे को विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

1996 की घटना: एक गलत मृत्यु रिपोर्ट

1996 में बाईपास सर्जरी के बाद, मीडिया में गलती से उनके निधन की खबरें फैल गईं। उनके साथी क्रिकेटरों और प्रशंसकों ने शोक व्यक्त किया, लेकिन जल्द ही सच्चाई सामने आई। यह भ्रम इतना व्यापक था कि एक पत्रकार ने खुद उनसे फोन पर बात कर यह पुष्टि की कि वह जीवित हैं!

विरासत और प्रभाव

सैयद आबिद अली को एक समर्पित क्रिकेटर के रूप में याद किया जाएगा, जिन्होंने भारतीय क्रिकेट और वैश्विक क्रिकेट विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया। युवा क्रिकेटरों को प्रशिक्षित करने और मजबूत टीमें बनाने में उनके प्रयासों ने खेल पर अमिट छाप छोड़ी है।

क्यों चर्चा में? पूर्व भारतीय ऑलराउंडर सैयद आबिद अली का 83 वर्ष की आयु में अमेरिका में निधन।
करियर की मुख्य बातें 29 टेस्ट मैच खेले, 47 विकेट लिए और भारत के लिए महत्वपूर्ण रन बनाए।
यादगार डेब्यू ब्रिस्बेन में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट डेब्यू में 6 विकेट (55 रन देकर) लिए।
प्रमुख प्रदर्शन सिडनी टेस्ट में दो अर्धशतक (78 और 81 रन) बनाए।
ऐतिहासिक क्षण 1971 में इंग्लैंड के खिलाफ ओवल टेस्ट में विजयी रन बनाए।
प्रथम श्रेणी क्रिकेट 22 वर्षों तक हैदराबाद और साउथ ज़ोन के लिए खेला।
कोचिंग करियर आंध्र प्रदेश, यूएई और मालदीव की क्रिकेट टीमों को प्रशिक्षित किया।
1996 की घटना बाईपास सर्जरी के बाद उनकी मृत्यु की गलत खबरें फैलीं, जिससे मीडिया में भ्रम की स्थिति बनी।
विरासत एक महान ऑलराउंडर, कोच और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में मेंटर के रूप में याद किए जाएंगे।
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vikash

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