केंद्रीय वित्त और कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण ने भारत के अंतिम सॉवरेन ग्रीन बॉन्ड ढांचे को मंजूरी दी। यह अनुमोदन अपने राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (एनडीसी) लक्ष्यों के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को और मजबूत करेगा। इस मंजूरी के साथ ही पेरिस समझौते के लक्ष्यों के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को और मजबूत करेगा जिससे ग्रीन प्रोजेक्ट्स में वैश्विक और घरेलू निवेश को आकर्षित करने में मदद मिलेगी। सॉवरेन ग्रीन बॉन्ड जारी कर जुटाये जाने वाले रकम को सार्वजनिक क्षेत्र की परियोजनाओं में लगाया जाएगा जो अर्थव्यवस्था की कार्बन तीव्रता (Carbon Intensity) को कम करने में मदद करेंगी।
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वित्त मंत्रालय के मुताबिक, यह फ्रेमवर्क, 2021 में ग्लासगो में COP26 में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के विजन “पंचामृत” के तहत भारत की प्रतिबद्धताओं के अनुरुप है। 2022-23 के लिए बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सॉवरेन ग्रीन बॉन्ड जारी कर ग्रीन प्रोजेक्ट्स के लिए रिसोर्सेज जुटाने की बात कही थी। सॉवरेन ग्रीन बॉन्ड ऐसे फाइनैंशियल इंस्ट्रूमेंट्स है जो पर्यावरणीय रूप से टिकाऊ और जलवायु-उपयुक्त परियोजनाओं में निवेश के लिए धन जुटाते हैं। सॉवरेन ग्रीन बॉन्ड नियमित बॉन्ड की तुलना में पूंजी की अपेक्षाकृत लागत को कम करती है।