फिच रेटिंग्स ने बेहतर श्रम बल भागीदारी और महामारी से हुए आर्थिक घावों में कमी को आधार मानकर भारत की मध्यावधि जीडीपी विकास दर अनुमान को वित्त वर्ष 2026 तक 6.4% कर दिया है। यह संशोधन ऐसे समय में हुआ है जब फिच ने अधिकांश अन्य उभरती बाजारों के विकास पूर्वानुमानों में कटौती की है, और चीन जैसे देश गहन संरचनात्मक चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। यह उन्नत दृष्टिकोण भारत की लचीलापन और रोजगार तथा उत्पादकता में जारी संरचनात्मक परिवर्तनों को दर्शाता है।