उपभोक्ता सुरक्षा और उत्पाद गुणवत्ता को मजबूत करने के उद्देश्य से भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) ने अगरबत्तियों (अगारबत्ती) के लिए भारत का पहला मानक अधिसूचित किया है। यह नया मानक IS 19412:2025 है, जिसे राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस 2025 के अवसर पर घोषित किया गया। इस मानक में कच्चे माल, जलने की क्षमता, सुगंध की गुणवत्ता और रासायनिक सुरक्षा से जुड़े व्यापक नियम तय किए गए हैं, साथ ही कई हानिकारक रसायनों पर स्पष्ट प्रतिबंध लगाया गया है। यह निर्णय इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि भारत दुनिया का सबसे बड़ा अगरबत्ती उत्पादक और निर्यातक देश है और यह सुरक्षित घरेलू उत्पादों तथा नैतिक विनिर्माण की दिशा में एक बड़ा कदम है।
IS 19412:2025 क्या है?
- IS 19412:2025 अगरबत्तियों के लिए विशेष रूप से तैयार किया गया पहला भारतीय मानक है।
- यह बाजार में बिकने वाली अगरबत्तियों को मानव स्वास्थ्य के लिए सुरक्षित, पर्यावरण के अनुकूल और गुणवत्ता में एकरूप बनाने हेतु एक संरचित नियामक ढांचा प्रदान करता है।
यह मानक चार मुख्य क्षेत्रों पर केंद्रित है—
- कच्चे माल की गुणवत्ता
- जलने की विशेषताएँ और राख का व्यवहार
- सुगंध का प्रदर्शन और स्थिरता
- रासायनिक सुरक्षा और विषाक्तता नियंत्रण
इस पहल के माध्यम से धार्मिक, सांस्कृतिक और सुगंधित उपयोग के लिए व्यापक रूप से प्रयुक्त अगरबत्तियाँ पहली बार औपचारिक गुणवत्ता और सुरक्षा व्यवस्था के दायरे में आई हैं।
हानिकारक रसायनों पर प्रतिबंध
नए मानक का सबसे महत्वपूर्ण पहलू उन खतरनाक रसायनों पर प्रतिबंध है जो मानव स्वास्थ्य, घर के भीतर वायु गुणवत्ता और पर्यावरण को नुकसान पहुँचा सकते हैं।
प्रतिबंधित कीटनाशक रसायन
मानक के तहत निम्नलिखित कीटनाशक रसायनों के उपयोग पर रोक लगाई गई है—
- एलेथ्रिन (Alethrin)
- पर्मेथ्रिन (Permethrin)
- सायपरमेथ्रिन (Cypermethrin)
- डेल्टामेथ्रिन (Deltamethrin)
- फिप्रोनिल (Fipronil)
ये रसायन तंत्रिका तंत्र को नुकसान और श्वसन संबंधी जोखिमों से जुड़े माने जाते हैं तथा कई देशों में प्रतिबंधित या नियंत्रित हैं।
प्रतिबंधित कृत्रिम सुगंध रसायन
कुछ कृत्रिम सुगंध मध्यवर्ती रसायनों पर भी रोक लगाई गई है, जैसे—
- बेंज़िल सायनाइड (Benzyl cyanide)
- एथाइल एक्रिलेट (Ethyl acrylate)
- डाइफिनाइलएमीन (Diphenylamine)
इन रसायनों के दहन से बंद स्थानों में विषाक्त, एलर्जिक और पर्यावरणीय प्रभाव पड़ सकते हैं।
राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस 2025 पर घोषणा
- IS 19412:2025 की घोषणा केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री प्रह्लाद जोशी ने राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस 2025 के अवसर पर की।
- यह कदम उपभोक्ता सशक्तिकरण के व्यापक उद्देश्य के अनुरूप है, जिससे रोज़मर्रा के घरेलू उत्पाद वैज्ञानिक रूप से तय सुरक्षा और गुणवत्ता मानकों पर खरे उतरें।
यह मानक क्यों महत्वपूर्ण है?
अगरबत्तियाँ देशभर में करोड़ों घरों, मंदिरों और कार्यस्थलों पर प्रतिदिन जलाई जाती हैं। अब तक इस क्षेत्र में समान राष्ट्रीय सुरक्षा मानकों का अभाव था, जबकि लंबे समय तक धुएँ और रसायनों के संपर्क से स्वास्थ्य जोखिम हो सकते हैं।
नया BIS मानक—
- उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य, विशेषकर श्वसन स्वास्थ्य की रक्षा करेगा
- घर के भीतर वायु गुणवत्ता में सुधार करेगा
- पर्यावरण अनुकूल और नैतिक विनिर्माण को बढ़ावा देगा
- पर्यावरण प्रदूषण को कम करेगा
- भारतीय अगरबत्ती उत्पादों पर उपभोक्ताओं का विश्वास बढ़ाएगा
मुख्य बिंदु
- BIS ने अगरबत्तियों के लिए भारत का पहला मानक IS 19412:2025 अधिसूचित किया
- घोषणा राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस 2025 पर की गई
- एलेथ्रिन, पर्मेथ्रिन, सायपरमेथ्रिन, डेल्टामेथ्रिन और फिप्रोनिल जैसे हानिकारक कीटनाशकों पर प्रतिबंध
- बेंज़िल सायनाइड और एथाइल एक्रिलेट जैसे कृत्रिम सुगंध रसायनों पर रोक
- उद्देश्य: उपभोक्ता सुरक्षा, बेहतर इनडोर एयर क्वालिटी और पर्यावरण संरक्षण
- भारत दुनिया का सबसे बड़ा अगरबत्ती उत्पादक और निर्यातक देश है


भारतीय रेलवे 2030 तक 48 शहरों में ट्रेनो...
सैंड आर्टिस्ट सुदर्शन पटनायक ने विशाल सा...
आपराधिक जांच ढांचे को सुदृढ़ करने के लिए...

