चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के दौरान देश में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) 37 फीसदी बढ़कर 10.4 अरब डॉलर हो गया. औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग (डीआईपीपी) के आंकड़ों के मुताबिक, अप्रैल-जून 2016-17 के दौरान भारत को 7.5 9 बिलियन विदेशी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश प्राप्त हुआ था.
सबसे ज्यादा विदेशी निवेश आकर्षित करने वाले मुख्य क्षेत्रों में सेवाओं, दूरसंचार, व्यापार, कंप्यूटर हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर और ऑटोमोबाइल शामिल हैं. बड़े पैमाने पर एफडीआई सिंगापुर, मॉरीशस, नीदरलैंड और जापान से आए थे.
उपरोक्त समाचार से महत्वपूर्ण तथ्य-
- भारत के आर्थिक विकास के लिए गैर-ऋण वित्तीय संसाधन का एफडीआई प्रमुख स्रोत है.
- सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में एफडीआई और पोर्टफोलियो निवेश 20 प्रतिशत की समग्र वैधानिक सीमा के अधीन हैं.
- डीआईपीपी की स्थापना 1 99 5 में हुई और वर्ष 2000 में इसका पुनर्गठन किया गया.
स्त्रोत- द इकनोमिक टाइम्स



Pariksha Pe Charcha 2026: परीक्षा पे चर्...
व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने के लिए भ...
PM मोदी को ऑर्डर ऑफ ओमान सम्मान मिला...

