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प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना (पीएमबीजेपी) के तहत जन औषधि केंद्रों का विस्तार

प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना (PMBJP) के तहत पूरे भारत में 15,057 जन औषधि केंद्र (JAKs) खोले जा चुके हैं। यह जानकारी केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक राज्य मंत्री, श्रीमती अनुप्रिया पटेल ने 28 फरवरी 2025 को राज्यसभा में एक लिखित उत्तर के रूप में साझा की। इस योजना का उद्देश्य पूरे देश में सस्ती और गुणवत्तापूर्ण जेनेरिक दवाइयों की उपलब्धता सुनिश्चित करना है।

प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना (PMBJP) का अवलोकन

PMBJP योजना को किफायती और उच्च गुणवत्ता वाली जेनेरिक दवाइयां उपलब्ध कराने के लिए शुरू किया गया था। जन औषधि केंद्रों (JAKs) के माध्यम से ये दवाइयां ब्रांडेड दवाओं की तुलना में काफी कम कीमत पर प्रदान की जाती हैं, जिससे आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को स्वास्थ्य सेवाएं सुलभ हो सकें।

भारत में जन औषधि केंद्रों की वर्तमान स्थिति

नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, 15,057 जन औषधि केंद्र विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में स्थापित किए गए हैं। राज्यवार वितरण के अनुसार, उत्तर प्रदेश 2,658 केंद्रों के साथ पहले स्थान पर है, इसके बाद केरल (1,528), कर्नाटक (1,425) और तमिलनाडु (1,363) हैं।

दवाइयों की आपूर्ति और वितरण सुनिश्चित करने के लिए उठाए गए कदम

सरकार ने जन औषधि केंद्रों पर दवाइयों की निर्बाध उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए एक सुव्यवस्थित आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन प्रणाली लागू की है, जिसमें शामिल हैं:

  • गुरुग्राम में एक केंद्रीय गोदाम।

  • बेंगलुरु, गुवाहाटी, चेन्नई और सूरत में चार क्षेत्रीय गोदाम।

  • पूरे भारत में 36 वितरक, जो आपूर्ति नेटवर्क को मजबूत करते हैं।

  • IT-सक्षम आपूर्ति श्रृंखला प्रणाली, जो स्टॉक का कुशलता से प्रबंधन करती है।

  • 400 प्रमुख दवाओं की नियमित निगरानी।

  • 200 आवश्यक दवाओं का न्यूनतम स्टॉक अनिवार्य किया गया, जिनमें JAKs की शीर्ष 100 बेस्टसेलिंग दवाएं और बाजार में सबसे ज्यादा बिकने वाली 100 दवाएं शामिल हैं।

  • JAK संचालकों को स्टॉक बनाए रखने के लिए प्रोत्साहन योजनाएं।

जन औषधि केंद्रों में दवाइयों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के उपाय

सरकार दवाइयों की गुणवत्ता और सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए कड़े प्रोटोकॉल का पालन करती है:

  • केवल WHO-GMP प्रमाणित निर्माताओं से दवाइयों की खरीद।

  • प्रत्येक बैच को NABL-मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाओं में गुणवत्ता परीक्षण के बाद ही JAKs तक पहुंचाया जाता है।

  • भारतीय औषधि एवं चिकित्सा उपकरण ब्यूरो (PMBI) द्वारा नियमित गुणवत्ता ऑडिट।

  • निम्न गुणवत्ता वाली दवाओं की बिक्री रोकने के लिए सख्त नियामक ढांचा।

जन औषधि केंद्रों का उद्यमिता मॉडल

JAKs एक उद्यमिता मॉडल पर काम करते हैं, जहां व्यक्तिगत उद्यमी स्थानीय मांग के अनुसार उत्पादों का स्टॉक तय करते हैं। यह मॉडल सुनिश्चित करता है कि आवश्यक दवाइयां वहां उपलब्ध हों, जहां उनकी सबसे अधिक जरूरत हो।

राज्य और केंद्र शासित प्रदेशवार जन औषधि केंद्रों का वितरण (28 फरवरी 2025 तक)

क्रम संख्या राज्य/केंद्र शासित प्रदेश खोले गए जन औषधि केंद्र (JAKs) की संख्या
1 अंडमान और निकोबार द्वीप समूह 9
2 आंध्र प्रदेश 275
3 अरुणाचल प्रदेश 34
4 असम 170
5 बिहार 812
6 चंडीगढ़ 11
7 छत्तीसगढ़ 278
8 दिल्ली 492
9 गोवा 15
10 गुजरात 760
11 हरियाणा 408
12 हिमाचल प्रदेश 71
13 जम्मू और कश्मीर 318
14 झारखंड 148
15 कर्नाटक 1,425
16 केरल 1,528
17 लद्दाख 2
18 लक्षद्वीप 1
19 मध्य प्रदेश 545
20 महाराष्ट्र 708
21 मणिपुर 54
22 मेघालय 25
23 मिज़ोरम 15
24 नागालैंड 22
25 ओडिशा 682
26 पुडुचेरी 33
27 पंजाब 489
28 राजस्थान 486
29 सिक्किम 11
30 तमिलनाडु 1,363
31 तेलंगाना 199
32 दादरा और नागर हवेली और दमन और दीव 39
33 त्रिपुरा 28
34 उत्तर प्रदेश 2,658
35 उत्तराखंड 313
36 पश्चिम बंगाल 630
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