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केंद्र ने आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) की सीमा 5 लाख करोड़ करने की मंजूरी दी

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केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) की सीमा में 50,000 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी करके उसे 4.5 लाख करोड़ रुपये से बढ़ाकर पांच लाख करोड़ करने को मंजूरी दे दी है। यह अतिरिक्त राशि विशेष रूप से आतिथ्य (हास्पिटैलिटी) और उससे संबंधित क्षेत्रों के उद्यमों के लिए निर्धारित की गई है। यह वृद्धि आतिथ्य और उससे संबंधित उद्यमों में कोविड-19 महामारी की वजह से आए गंभीर व्यवधानों को ध्यान में रखकर की गई है।

कार्यान्वन का कार्यक्रम:

ईसीएलजीएस एक सतत योजना है। कुल 50,000 करोड़ रुपये की इस अतिरिक्त राशि को आतिथ्य और उससे संबंधित क्षेत्रों के उद्यमों पर खर्च किया जाएगा। इस खर्च को इस योजना की वैधता की अवधि 31 मार्च 2023 के भीतर ही कार्यान्वित किया जाएगा।

इसका प्रभाव:

ईसीएलजीएस पहले से ही जारी एक योजना है और आतिथ्य एवं उससे संबंधित क्षेत्रों में कोविड-19 महामारी के कारण आए व्यवधानों के कारण, सरकार ने विशेष रूप से इन क्षेत्रों से जुड़े उद्यमों के लिए 50,000 करोड़ रुपये की राशि निर्धारित की है। इस वृद्धि के जरिए कर्ज प्रदान करने वाली संस्थाओं को इन क्षेत्रों के उद्यमों को कम लागत पर 50,000 करोड़ रुपये तक का अतिरिक्त ऋण देने के लिए प्रोत्साहित करके इन व्यावसायिक उद्यमों को अपनी संचालन संबंधी देनदारियों को चुकाने और अपने व्यवसाय को जारी रखने में सक्षम बनाने के कदम से उन्हें राहत मिलने की उम्मीद है।

इसका पृष्ठभूमि:

वर्तमान में जारी महामारी ने उन क्षेत्रों पर बेहद प्रतिकूल प्रभाव डाला है जिनमें लोगों के एक-दूसरे से मिलने-जुलने की अधिक संभावना रहती है और आतिथ्य एवं उससे संबंधित क्षेत्र इसी श्रेणी में आते हैं। अन्य क्षेत्र जहां तेजी से उबरते हुए वापस अपने रास्ते पर आ गए, वहीं इन क्षेत्रों में लंबे समय तक मांग में कमी जारी रही। इस स्थिति ने उनके निर्वाह और उबरने की प्रक्रिया में मदद के लिए उपयुक्त उपायों की जरूरत पैदा की। इसके अलावा, उनकी उच्च रोजगार संभावनाओं और अन्य क्षेत्रों के साथ उनके प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष संबंधों को देखते हुए समग्र आर्थिक सुधार को सहारा देने की दृष्टि से भी उनका पुनरुद्धार जरूरी है। 
इस वास्तविकता को स्वीकार करते हुए, केन्द्रीय बजट 2022-23 में ईसीएलजीएस की वैधता को मार्च, 2023 तक बढ़ाने और ईसीएलजीएस के गारंटीकृत कवर की सीमा में 50,000 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी करते हुए कुल कवर को पांच लाख करोड़ रुपये तक करने की घोषणा की गई और अतिरिक्त राशि को विशेष रूप से आतिथ्य और उससे संबंधित क्षेत्रों के उद्यमों के लिए निर्धारित किया गया।