भारत को वैश्विक क्वांटम प्रौद्योगिकी का नेता बनाने की दिशा में ऐतिहासिक कदम, केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने राष्ट्रीय क्वांटम मिशन (NQM) और राष्ट्रीय मिशन पर अंतःविषय साइबर-भौतिक प्रणालियाँ (NMICPS) के तहत आठ अग्रणी स्टार्टअप्स की चयन की घोषणा की। ये स्टार्टअप्स राष्ट्रीय सुरक्षा, स्वास्थ्य देखभाल, ऊर्जा दक्षता और पर्यावरणीय स्थिरता में नवाचार और अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए चयनित किए गए हैं।
चुने गए स्टार्टअप्स और उनके नवाचार:
- QNu Labs (बेंगलुरु): सुरक्षित संचार के लिए एंड-टू-एंड क्वांटम-सेफ हेटेरोजेनियस नेटवर्क विकसित कर रहा है।
- QPiAI India Pvt. Ltd. (बेंगलुरु): सुपरकंडक्टिंग क्वांटम कंप्यूटर बना रहा है।
- Dimira Technologies Pvt. Ltd. (IIT मुंबई): क्वांटम कंप्यूटिंग के लिए आवश्यक स्वदेशी क्रायोजेनिक केबल्स विकसित कर रहा है।
- Prenishq Pvt. Ltd. (IIT दिल्ली): उन्नत क्वांटम अनुप्रयोगों के लिए प्रिसीजन डायोड-लेजर सिस्टम बना रहा है।
- QuPrayog Pvt. Ltd. (पुणे): क्वांटम सेंसिंग के लिए ऑप्टिकल एटॉमिक घड़ी और संबंधित तकनीकों में नवाचार कर रहा है।
- Quanastra Pvt. Ltd. (दिल्ली): क्रायोजेनिक्स और सुपरकंडक्टिंग डिटेक्टरों का विकास कर रहा है।
- Pristine Diamonds Pvt. Ltd. (अहमदाबाद): क्वांटम सेंसिंग के लिए डायमंड सामग्री का निर्माण कर रहा है।
- Quan2D Technologies Pvt. Ltd. (बेंगलुरु): सुपरकंडक्टिंग नैनोवायर सिंगल-फोटॉन डिटेक्टरों का विकास कर रहा है।
क्वांटम प्रौद्योगिकी के लाभ:
- राष्ट्रीय सुरक्षा: साइबर हमलों से बचाव के लिए अत्यधिक सुरक्षित क्वांटम संचार।
- स्वास्थ्य देखभाल नवाचार: क्वांटम सेंसिंग के माध्यम से सटीक चिकित्सा निदान और इमेजिंग।
- साइबर सुरक्षा: वित्तीय प्रणालियों और संवेदनशील डेटा की उन्नत सुरक्षा।
- ऊर्जा दक्षता: पावर ग्रिड्स और नवीकरणीय ऊर्जा प्रणालियों को अनुकूलित करना।
- सैटेलाइट और नेविगेशन सिस्टम: GPS की सटीकता बढ़ाना, सुरक्षित संचार और आपदा प्रबंधन में सुधार।
- जलवायु लचीलापन: स्थायी कृषि को बढ़ावा देना और जलवायु मॉडलिंग में सुधार करना।
दृष्टिगत नेतृत्व और नीतियां:
- डॉ. जितेंद्र सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूरदृष्टि वाली नीतियों का श्रेय दिया जो नवाचार-प्रेरित वातावरण को बढ़ावा देती हैं।
- यह पहल भारत के 2047 तक तकनीकी आत्मनिर्भरता की व्यापक दृष्टि का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य क्वांटम विज्ञान में वैश्विक प्रभाव पैदा करना है।
क्षेत्रीय जुड़ाव और युवा सशक्तिकरण:
- मंत्री ने दिल्ली से बाहर क्वांटम प्रौद्योगिकी पहलों की मेज़बानी करने का प्रस्ताव रखा ताकि व्यापक भागीदारी सुनिश्चित हो सके।
- छोटे शहरों के युवाओं को स्टार्टअप्स के माध्यम से क्वांटम क्रांति में योगदान देने के लिए प्रेरित करने पर जोर दिया।
घटना के प्रमुख बिंदु:
- डॉ. वी.के. सरस्वत (NITI आयोग), प्रोफेसर अभय करंदीकर (DST), डॉ. अजय चौधरी (NQM मिशन गवर्निंग बोर्ड), और डॉ. कृष्ण गोपालकृष्णन (NM-ICPS मिशन गवर्निंग बोर्ड) जैसे गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति।
- युवा दिमागों को नवाचार करने और देश के तकनीकी भविष्य को आकार देने में सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए प्रेरित करने का उद्देश्य।
Summary/Static | Details |
चर्चा में क्यों? | डॉ. जितेंद्र सिंह ने राष्ट्रीय क्वांटम मिशन और अंतःविषय साइबर-भौतिक प्रणालियों पर राष्ट्रीय मिशन के तहत समर्थन के लिए आठ अग्रणी स्टार्टअप के चयन की घोषणा की |
चयनित स्टार्टअप | 8 (क्यूएनयू लैब्स, क्यूपीआईएआई इंडिया, डिमिरा टेक्नोलॉजीज, प्रीनिशक, क्यूप्रयोग, क्वानस्ट्रा, प्रिस्टिन डायमंड्स, क्वान2डी) |
प्राथमिक मिशन | राष्ट्रीय क्वांटम मिशन (एनक्यूएम), राष्ट्रीय अंतःविषय साइबर-भौतिक प्रणाली मिशन (एनएमआईसीपीएस) |
प्रमुख नवाचार | क्वांटम संचार, सुपरकंडक्टिंग क्वांटम कंप्यूटर, क्रायोजेनिक्स, क्वांटम सेंसर और सामग्री |
प्रभावित प्रमुख क्षेत्र | राष्ट्रीय सुरक्षा, स्वास्थ्य सेवा, साइबर सुरक्षा, ऊर्जा दक्षता, नेविगेशन, जलवायु लचीलापन |
व्यापक दृष्टि | 2047 तक क्वांटम विज्ञान में तकनीकी आत्मनिर्भरता और वैश्विक नेतृत्व |
क्षेत्रीय आउटरीच पहल | दिल्ली के बाहर छोटे शहरों में युवाओं को शामिल करने और प्रेरित करने के लिए कार्यक्रमों का आयोजन |
विशिष्ट प्रतिभागीगण | डॉ. वी.के. सारस्वत, प्रो. अभय करंदीकर, डॉ. अजय चौधरी, डॉ. क्रिस गोपालकृष्णन |
युवाओं के लिए फोकस क्षेत्र | स्टार्टअप, नवाचार और तकनीकी विकास |