रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (Defence Research and Development Organisation – DRDO) ने एकीकृत परीक्षण रेंज (ITR), चांदीपुर, ओडिशा से ‘आकाश प्राइम (Akash Prime)’ नामक आकाश मिसाइल के एक नए संस्करण की सफल पहली परीक्षण उड़ान भरी है। परीक्षण उड़ान की सफलता विश्व स्तरीय मिसाइल प्रणालियों के डिजाइन और विकास में डीआरडीओ की क्षमता को प्रदर्शित करती है। मिसाइल ने सुधार के बाद अपने पहले उड़ान परीक्षण में दुश्मन के विमान की नकल करते हुए एक मानव रहित हवाई लक्ष्य को रोक दिया और नष्ट कर दिया।
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मौजूदा आकाश प्रणाली की तुलना में, आकाश प्राइम बेहतर सटीकता के लिए एक स्वदेशी सक्रिय रेडियो फ्रीक्वेंसी (आरएफ) साधक से लैस है। अन्य सुधार भी उच्च ऊंचाई पर कम तापमान वाले वातावरण में अधिक विश्वसनीय प्रदर्शन सुनिश्चित करते हैं। मौजूदा उड़ान परीक्षण के लिए मौजूदा आकाश हथियार प्रणाली की एक संशोधित जमीन प्रणाली का उपयोग किया गया है। आईटीआर के रेंज स्टेशनों में शामिल रडार, इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल ट्रैकिंग सिस्टम (Electro-Optical Tracking System – EOTS) और टेलीमेट्री स्टेशनों ने मिसाइल प्रक्षेपवक्र और उड़ान मापदंडों की निगरानी की।
सभी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण टेकअवे:
- डीआरडीओ अध्यक्ष: डॉ जी सतीश रेड्डी (Dr G Satheesh Reddy)।
- डीआरडीओ मुख्यालय: नई दिल्ली।
- डीआरडीओ की स्थापना: 1958।