डॉ. जैतीर्थ राघवेंद्र जोशी को ब्रह्मोस एयरोस्पेस का नया प्रमुख नियुक्त किया गया है। यह संस्था विश्व प्रसिद्ध ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल सिस्टम के विकास के लिए जानी जाती है। तीन दशकों से अधिक के अपने शानदार करियर में, डॉ. जोशी ने मिसाइल प्रौद्योगिकी, गैर-विनाशकारी परीक्षण (Non-Destructive Testing – NDT), और उद्योग विशेषज्ञों के कौशल विकास में अभूतपूर्व योगदान दिया है। उनकी नियुक्ति भारत के रक्षा क्षेत्र में नवाचार और उत्कृष्टता को प्राथमिकता देने का संकेत देती है।
मिसाइल प्रौद्योगिकी में एक विशिष्ट करियर
डॉ. जोशी ने भारत के प्रमुख मिसाइल कार्यक्रमों में महत्वपूर्ण योगदान दिया है:
- पृथ्वी मिसाइल सिस्टम: भारत के प्रारंभिक सतह-से-सतह मिसाइल सिस्टम के विकास में अहम भूमिका।
- अग्नि मिसाइल कार्यक्रम: भारत की दीर्घ-मार्गीय बैलिस्टिक मिसाइल के डिजाइन और निष्पादन में योगदान।
- LRSAM कार्यक्रम:
- लंबी दूरी की सतह-से-आकाश मिसाइल (Long Range Surface-to-Air Missile) कार्यक्रम के उप परियोजना निदेशक के रूप में मिशन-आधारित प्रौद्योगिकियों का विकास किया।
- इसने भारत की रक्षा क्षमताओं को अत्याधुनिक बनाए रखा।
शैक्षणिक पृष्ठभूमि
डॉ. जोशी की सशक्त शैक्षणिक पृष्ठभूमि उनके करियर में महत्वपूर्ण रही है:
- बी.टेक: मैकेनिकल इंजीनियरिंग में, उस्मानिया विश्वविद्यालय से।
- पीएचडी: मैकेनिकल इंजीनियरिंग में, एनआईटी वारंगल से, जहां उन्होंने उन्नत यांत्रिक प्रणालियों में विशेषज्ञता हासिल की।
गैर-विनाशकारी परीक्षण (NDT) में विशेषज्ञता
मिसाइल प्रौद्योगिकी के अलावा, डॉ. जोशी गैर-विनाशकारी परीक्षण (NDT) तकनीकों के क्षेत्र में एक प्रख्यात विशेषज्ञ हैं।
योगदान:
- प्रशिक्षण और प्रमाणन: 600 से अधिक पेशेवरों को निम्नलिखित NDT तकनीकों में प्रशिक्षित और प्रमाणित किया:
- रेडियोग्राफी
- अल्ट्रासोनिक परीक्षण
- मैग्नेटिक पार्टिकल परीक्षण
- पेनिट्रेंट परीक्षण
- नेतृत्व: भारतीय गैर-विनाशकारी परीक्षण सोसायटी (ISNT) के अध्यक्ष के रूप में, उन्होंने इस क्षेत्र में तकनीकी क्षमताओं को मजबूत किया।
ब्रह्मोस: सुपरसोनिक प्रौद्योगिकी का शिखर
ब्रह्मोस एयरोस्पेस के बारे में
ब्रह्मोस एयरोस्पेस भारत और रूस के बीच एक संयुक्त उद्यम है, जो ब्रह्मोस मिसाइल के विकास के लिए जिम्मेदार है।
- नाम की उत्पत्ति: ब्रह्मोस का नाम दो नदियों—भारत की ब्रह्मपुत्र और रूस की मॉस्कवा—से लिया गया है।
ब्रह्मोस मिसाइल की विशेषताएँ
- असाधारण गति और सटीकता:
- सुपरसोनिक गति और सटीकता के लिए प्रसिद्ध, यह रडार क्षितिज से परे लक्ष्य भेदने में सक्षम है।
- बहुआयामी उपयोग:
- भूमि और समुद्र-आधारित संचालन के लिए डिज़ाइन की गई, यह मिसाइल बहुमुखी हमले की क्षमता प्रदान करती है।
- भारतीय नौसेना का प्रमुख हथियार:
- मिसाइल को नष्ट करने वाले जहाजों और फ्रिगेट्स जैसे स्थिर और गतिशील प्लेटफार्मों से लॉन्च किया जा सकता है।
- यह भारत की समुद्री सुरक्षा को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाता है।
डॉ. जोशी की दृष्टि
ब्रह्मोस एयरोस्पेस के प्रमुख के रूप में, डॉ. जोशी का ध्यान निम्नलिखित पर होगा:
- अगली पीढ़ी की मिसाइल प्रणालियों का विकास: भारत की रक्षा प्रौद्योगिकी को आगे बढ़ाना।
- ब्रह्मोस मिसाइल की संचालन क्षमता का विस्तार: इसे बदलते रक्षा परिदृश्यों के अनुकूल बनाना।
- भारत-रूस सहयोग को बढ़ावा देना: नवाचार को प्रोत्साहित करना और अत्याधुनिक रक्षा समाधान प्रदान करना।
समाचार का सारांश
पहलू | विवरण |
---|---|
चर्चा में क्यों? | डॉ. जैतीर्थ राघवेंद्र जोशी ब्रह्मोस एयरोस्पेस के नए प्रमुख नियुक्त। |
मुख्य उपलब्धियाँ | – मिसाइल प्रौद्योगिकी और NDT में 30+ वर्षों का अनुभव। – पृथ्वी, अग्नि, और LRSAM मिसाइल कार्यक्रमों में योगदान। |
LRSAM में भूमिका | उप परियोजना निदेशक के रूप में महत्वपूर्ण तकनीकों का विकास। |
NDT में विशेषज्ञता | 600+ पेशेवरों को प्रशिक्षित और ISNT के अध्यक्ष के रूप में नेतृत्व। |
शैक्षणिक पृष्ठभूमि | – मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बी.टेक (उस्मानिया विश्वविद्यालय)। – पीएचडी (एनआईटी वारंगल)। |
ब्रह्मोस एयरोस्पेस | भारत-रूस संयुक्त उद्यम; सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के विकास में अग्रणी। |
ब्रह्मोस मिसाइल की विशेषताएँ | सुपरसोनिक गति, बहुआयामी उपयोग, और भारतीय नौसेना के लिए प्राथमिक हथियार। |
डॉ. जोशी की दृष्टि | नवाचार को बढ़ावा देना, भारत-रूस सहयोग को सुदृढ़ करना, और अगली पीढ़ी की प्रणालियों का विकास। |