रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स (RSF) द्वारा प्रकाशित 2025 का वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम इंडेक्स मीडिया पर वैश्विक दबावों की चिंताजनक तस्वीर पेश करता है। इतिहास में पहली बार, RSF ने वैश्विक प्रेस स्वतंत्रता की स्थिति को “कठिन स्थिति” बताया है, जो यह दर्शाता है कि स्वतंत्र पत्रकारिता का स्तर गंभीर रूप से गिर रहा है। यह गिरावट आर्थिक अस्थिरता, मीडिया स्वामित्व के संकेंद्रण, और दमनकारी राजनीतिक परिवेश के कारण हो रही है।
भारत की स्थिति (2025)
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रैंक: 151वाँ (2024 में 159 से 8 स्थान ऊपर)
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कुल स्कोर: 32.96
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चिंताएँ:
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पत्रकारों पर हमले
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राजद्रोह कानूनों का दुरुपयोग
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डिजिटल मंचों पर सेंसरशिप
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कश्मीर जैसे संवेदनशील क्षेत्रों से रिपोर्टिंग में जोखिम
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2025 में प्रेस स्वतंत्रता के लिहाज़ से शीर्ष 10 देश
रैंक | देश | स्कोर |
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1 | नॉर्वे | 92.31 |
2 | एस्टोनिया | 89.46 |
3 | नीदरलैंड | 88.64 |
4 | स्वीडन | 88.13 |
5 | फिनलैंड | 87.18 |
6 | डेनमार्क | 86.93 |
7 | आयरलैंड | 86.92 |
8 | पुर्तगाल | 84.26 |
9 | स्विट्ज़रलैंड | 83.98 |
10 | चेक गणराज्य | 83.96 |
नॉर्वे लगातार पहले स्थान पर बना हुआ है, जिसकी वजह है – मजबूत राजनीतिक स्वतंत्रता, मीडिया विविधता और पत्रकारों की सुरक्षा।
2025 में सबसे खराब स्थिति वाले 10 देश
रैंक | देश | स्कोर |
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180 | इरीट्रिया | 11.32 |
179 | उत्तर कोरिया | 12.64 |
178 | चीन | 14.80 |
177 | सीरिया | 15.82 |
176 | ईरान | 16.22 |
175 | अफगानिस्तान | 17.88 |
174 | तुर्कमेनिस्तान | 19.14 |
173 | वियतनाम | 19.74 |
172 | निकारागुआ | 22.83 |
171 | रूस | 24.57 |
इरीट्रिया और उत्तर कोरिया सबसे नीचे हैं – वहां की मीडिया पूरी तरह सरकार के नियंत्रण में है।
मीडिया पर बढ़ता आर्थिक दबाव
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180 में से 160 देशों में समाचार संस्थाएं आर्थिक संकट से जूझ रही हैं।
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विज्ञापन राजस्व में गिरावट, खर्च में वृद्धि और सरकारी समर्थन की कमी इसके प्रमुख कारण हैं।
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उदाहरण:
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अमेरिका (57वाँ): बजट कटौती के कारण दो पायदान गिरा।
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अर्जेंटीना (87वाँ): 21 स्थान गिरावट।
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ट्यूनीशिया (129वाँ): 11 स्थान गिरा।
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राजनीतिक अस्थिरता और सेंसरशिप
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सरकारें पत्रकारिता में हस्तक्षेप कर रही हैं, संपादकीय स्वतंत्रता पर नियंत्रण बढ़ा है।
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92 देशों में सरकारी संपादकीय हस्तक्षेप की रिपोर्ट है।
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21 देशों (जैसे वियतनाम, रवांडा) में मीडिया मालिक ही खबरों को प्रभावित करते हैं।
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इज़राइल (112वाँ): 11 पायदान नीचे – मीडिया पर राजनीतिक दबाव बढ़ा।
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फिलिस्तीन (163वाँ): संघर्ष के बीच पत्रकारों पर गंभीर दबाव।
मीडिया स्वामित्व का संकेंद्रण: विविधता के लिए खतरा
46 देशों में मीडिया स्वामित्व सीमित लोगों या कंपनियों के हाथ में है।
इससे स्वतंत्र रिपोर्टिंग और विचारों की विविधता को नुकसान होता है।
प्रभावित देशों में शामिल:
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ऑस्ट्रेलिया (29वाँ)
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कनाडा (21वाँ)
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चेक गणराज्य (10वाँ)
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फ्रांस (25वाँ, 4 स्थान नीचे)
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रूस (171वाँ): मीडिया पूरी तरह सरकारी नियंत्रण में।
कानूनी खतरे और दमनकारी कानून
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कई देश पत्रकारों को दबाने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा, विदेशी प्रभाव कानूनों का दुरुपयोग कर रहे हैं।
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जॉर्जिया (114वाँ): “विदेशी एजेंट” कानून के कारण 11 स्थान गिरा।
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जॉर्डन (147वाँ): नए मीडिया कानूनों ने असहमति को अपराध घोषित किया – 15 स्थान की गिरावट।