भारत के लॉजिस्टिक्स और समुद्री अवसंरचना (Maritime Infrastructure) क्षेत्र को सशक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए, दुबई स्थित वैश्विक लॉजिस्टिक्स कंपनी डीपी वर्ल्ड (DP World) ने भारत में अपने एकीकृत सप्लाई चेन नेटवर्क के विस्तार के लिए 5 अरब डॉलर के नए निवेश की घोषणा की है। यह निवेश पिछले 30 वर्षों में किए गए 3 अरब डॉलर के निवेश के अतिरिक्त है, जो भारत के व्यापार और निर्यात विकास के प्रति कंपनी की दीर्घकालिक प्रतिबद्धता को दर्शाता है। यह घोषणा डीपी वर्ल्ड के समूह अध्यक्ष और सीईओ सुल्तान अहमद बिन सुलायम ने की, जिन्होंने भारत को वैश्विक व्यापार का रणनीतिक केंद्र (Strategic Hub) बताया।
निवेश का उद्देश्य
डीपी वर्ल्ड का नया 5 अरब डॉलर का निवेश भारत के व्यापार और लॉजिस्टिक्स पारिस्थितिकी तंत्र को रूपांतरित करने के लिए किया जा रहा है। इसका उद्देश्य है —
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घरेलू और अंतरराष्ट्रीय व्यापार के लिए लॉजिस्टिक्स लागत कम करना
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तेज़ और एकीकृत सप्लाई चेन के माध्यम से निर्यात प्रतिस्पर्धा को बढ़ाना
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‘मेक इन इंडिया’ पहल के अनुरूप स्थानीय विनिर्माण को प्रोत्साहित करना
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उत्पादकों और निर्यातकों के लिए बाजार पहुँच का विस्तार
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सततता (Sustainability) और नवाचार आधारित लॉजिस्टिक्स अवसंरचना को बढ़ावा देना
यह निवेश भारत की राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति (National Logistics Policy) और पीएम गति शक्ति मिशन के उद्देश्यों से जुड़ा है, जो तकनीक-प्रधान और कुशल बुनियादी ढाँचा विकसित करने पर केंद्रित हैं।
डीपी वर्ल्ड की भारत में मौजूदगी
डीपी वर्ल्ड भारत में पहले से ही लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में एक प्रमुख खिलाड़ी है। इसके संचालन में शामिल हैं —
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कंटेनर टर्मिनल्स और बंदरगाह (Ports & Terminals)
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इनलैंड कंटेनर डिपो (ICDs)
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लॉजिस्टिक्स पार्क और आर्थिक क्षेत्र (Economic Zones)
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कोल्ड चेन नेटवर्क और वेयरहाउसिंग
निवेश का कालक्रम
| अवधि | निवेश राशि | प्रमुख क्षेत्र |
|---|---|---|
| पिछले 30 वर्ष | 3 अरब डॉलर | बंदरगाह, टर्मिनल, आईसीडी, लॉजिस्टिक्स जोन |
| नई प्रतिबद्धता (2025) | 5 अरब डॉलर | एकीकृत सप्लाई चेन, स्मार्ट लॉजिस्टिक्स अवसंरचना |
भारत के लिए रणनीतिक महत्व
यह नया निवेश भारत की आर्थिक और बुनियादी ढाँचा नीतियों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। इससे देश को निम्नलिखित लाभ होंगे —
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लॉजिस्टिक्स लागत को GDP के 13% से घटाकर 8% तक लाने में सहायता
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कार्गो हैंडलिंग में तेजी से Ease of Doing Business में सुधार
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निर्यात अवसंरचना को मज़बूत बनाकर वैश्विक मांगों को पूरा करने में मदद
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ग्रीन लॉजिस्टिक्स और स्वच्छ ऊर्जा आधारित समाधान को प्रोत्साहन
साथ ही, यह निवेश भारत को वैश्विक सप्लाई चेन पुनर्संरेखण (Supply Chain Realignment) का लाभ उठाने में सक्षम बनाएगा, जहाँ कंपनियाँ चीन के विकल्प के रूप में भारत को प्राथमिकता दे रही हैं।
सरकार–निजी क्षेत्र की साझेदारी
डीपी वर्ल्ड की यह घोषणा भारत की कई राष्ट्रीय योजनाओं के अनुरूप है, जिनमें शामिल हैं —
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मैरिटाइम इंडिया विज़न 2030
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राष्ट्रीय अवसंरचना पाइपलाइन (NIP)
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भारतमाला और सागरमाला परियोजनाएँ
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पीएम गति शक्ति मास्टर प्लान


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