विमानन नियामक डीजीसीए ने अयोध्या हवाई अड्डे के लिए ‘एयरोड्रम’ लाइसेंस जारी कर दिया है। इस हवाई अड्डे को भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) लगभग 350 करोड़ रुपये की लागत से विकसित कर रहा है।
अयोध्या से दिल्ली एयरपोर्ट के लिए पहली उड़ान 6 जनवरी को शुरू होगी। अहमदाबाद के लिए उड़ान 11 जनवरी से शुरू होगी। अहमदाबाद से अयोध्या तक का सफर 1.15 घंटे में पूरा किया जा सकेगा। अहमदाबाद की फ्लाइट हफ्ते में तीन दिन होगी। जल्द फ्लाइट का टाइम टेबल जारी कर दिया जाएगी।
2,200 मीटर लंबा रनवे
एएआई के चेयरमैन संजीव कुमार को डीजीसीए (नागरिक उड्डयन महानिदेशालय) के प्रमुख विक्रम देव दत्त ने लाइसेंस दिया। एएआई ने कहा कि अयोध्या हवाई अड्डे को सभी मौसम की स्थिति के लिए सार्वजनिक उपयोग श्रेणी में एयरोड्रम लाइसेंस दिया गया है। एएआई ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर लिखा, ‘‘हवाई अड्डे में एयरोनॉटिकल ग्राउंड लाइट (एजीएल) बुनियादी ढांचे के साथ 2,200 मीटर लंबा रनवे है। यह डीवीओआर और इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम (आईएलएस) से युक्त है, जो हवाई अड्डे को रात में और कम दृश्यता/आरवीआर 550 मीटर के दौरान उड़ानों को संचालित करने की अनुमति देता है।”
विमान के नेविगेशन में मदद
डीवीओआर डॉपलर अत्यधिक उच्च फ्रीक्वेंसी ओमनी रेंज से संबंधित है, जो विमान के नेविगेशन में मदद करता है। आरवीआर रनवे की दृश्यता से संबंधित है। एएआई ने बयान में कहा कि बहुप्रतीक्षित अयोध्या हवाई अड्डे में 6,500 वर्गमीटर क्षेत्रफल वाला एक टर्मिनल भवन होगा। यह व्यस्त अवधि के दौरान 600 यात्रियों और सालाना 10 लाख यात्रियों को संभाल सकता है। अयोध्या में मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का विस्तारित रनवे ए-321/ बी-737 प्रकार के विमानों के संचालन के लिए उपयुक्त है।
धार्मिक विरासत के प्रमाण के रूप में भी कार्य
अयोध्या हवाई अड्डा, जिसका नाम मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा है, न केवल कनेक्टिविटी में महत्वपूर्ण वृद्धि का प्रतीक है, बल्कि क्षेत्र की सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत के प्रमाण के रूप में भी कार्य करता है। जैसे ही यह यात्रियों के लिए अपने द्वार खोलता है, हवाईअड्डा एक प्रमुख तीर्थयात्रा और पारगमन बिंदु बनने के लिए तैयार है, जो सांस्कृतिक अनुनाद के साथ आधुनिक बुनियादी ढांचे को सहजता से मिश्रित करता है।