दूरसंचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि सरकार इस साल डिजिटल ऋण सेवा (Digital Credit Service) शुरू करेगी। इसका फायदा ये होगा कि छोटे रेहड़ी-पटरी वाले लोग भी बड़े बैंकों से आसानी से कर्ज ले सकेंगे।दूसरी तरफ, UPI के इस्तेमाल को बढ़ाने के लिए इसे लोकल भाषा में लाने की तैयारी भी की जा रही है। एक दिन पहले इस बात की घोषणा भी की गई थी कि अब NRI भी UPI सर्विस का लाभ उठा सकेंगे। इसके पहले चरण में 10 देशों को शामिल किया गया है। ये सभी सर्विस डिजिटल भारत के तहत बढ़ाए जा रहे कदम हैं।
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मुख्य बिंदु
- इस कार्यक्रम में, इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय (MeitY) ने UPI के लिए वॉयस-आधारित भुगतान प्रणाली के एक प्रोटोटाइप को पेश किया है।
- यह सेवा 18 भारतीय भाषाओं में उपलब्ध होगी और लोग जल्द ही अपनी स्थानीय भाषा में बात करके भुगतान कर सकेंगे।
- वॉयस-आधारित भुगतान प्रणाली के अलावा, NRI को भी UPI सर्विस की सुविधा मिलने वाली है।
- UPI सेवाएं अब 10 देशों – ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, हांगकांग, ओमान, कतर, सऊदी अरब, सिंगापुर, यूएई, यूके और यूएसए में एनआरआई के लिए उपलब्ध होंगी। साथ ही, सिंगापुर के PayNow सिस्टम के साथ भारत के UPI का एकीकरण चल रहा है।
क्या है डिजिटल ऋण सेवा?
डिजिटल क्रेडिट आम तौर पर छोटे और कम अवधि वाले ऋणों के लिए दिए जाते हैं और ऑटोमैटिक तरीके से दूर से भी एक्सेस किया जा सकता है। डिजिटल पेमेंट्स उत्सव में अश्विनी वैष्णव ने कहा कि इसे यूपीआई सेवा की तरह शुरू किया जाएगा और यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘डिजिटल इंडिया’ के विजन के तहत एक बड़ी उपलब्धि होगी। जानकारी के मुताबिक, इस साल डिजिटल क्रेडिट सर्विस को शुरू कर दिया जाएगा।