दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने दिल्ली बाल अधिकार संरक्षण आयोग (DCPCR) यानी दिल्ली बाल आयोग द्वारा तैयार किया गया एक व्हाट्सएप चैटबॉट ‘बाल मित्र’ लॉन्च किया। बाल अधिकार आयोग द्वारा विकसित यह अनूठा चैटबॉट लोगों और आयोग के बीच कम्युनिकेशन को सुगम बनाने का एक प्रयास है। चैटबॉट नागरिकों और आयोग को अधिक प्रभावी तरीके से बातचीत करने में मदद करेगा।
चैटबॉट की कुछ विशेषताओं में शिकायत पंजीकरण, सूचना खोजना और शिकायत की स्थिति पर नज़र रखना, दाखिले की जानकारी मांगना आदि शामिल हैं। बच्चों और उनके अधिकारों से संबंधित विभिन्न मामलों पर प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के साथ-साथ, यह चैटबॉट इसके माध्यम से रिपोर्ट किए गए मामलों की गोपनीयता भी सुनिश्चित करेगा।
“चैटबॉट ‘बाल मित्र’ आयोग द्वारा शुरू किया गया, गवर्नेंस को सिटीज़न-फ्रेंडली बनाने के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण पहल है। यह बच्चों और उनके अधिकारों के बारे में प्रमाणिक जानकारी के स्रोत के रूप में काम करेगा। बाल अधिकारों के संरक्षण से संबंधित किसी भी मामले की रिपोर्ट करने के साथ-साथ यह चैटबॉट लोगों, विशेषकर माता-पिता को उनके बच्चे के एडमिशन और शिक्षा संबंधी विषयों पर मार्गदर्शन भी करेगा। DCPCR ‘बाल मित्र’ गवर्नेंस को और अधिक प्रभावी बनाने में हमारी मदद करेगा। यह सरकार और नागरिकों के बीच कम्युनिकेशन गैप को खत्म करेगा।
मुख्य बिंदु
- DCPCR यह सुनिश्चित करने के लिए नियमित रूप से विभिन्न तकनीकी हस्तक्षेप कर रहा है. ताकि बेहतर गवर्नेंस के लिए नागरिकों और सरकार के बीच कम्युनिकेशन अधिक सुलभ हो।
- इससे पहले, आयोग ने ‘अर्ली वार्निंग सिस्टम’ की शुरुआत भी की थी, जिसने शिक्षा विभाग को 50,000 से अधिक छात्रों को स्कूलों में वापस लाने और ड्रॉपआउट दरों को कम करने में मदद की है।
DCPCR संरक्षण के लिए काम करता है?
दरअसल दिल्ली बाल अधिकार संरक्षण आयोग (DCPCR) दिल्ली सरकार की वैधानिक संस्था है जो बच्चों के अधिकारों की निगरानी और सुरक्षा पर काम करती है. आयोग विज्ञापनों, सोशल मीडिया, जन सुनवाई, शिविरों आदि के माध्यम से बाल अधिकारों के संरक्षण के लिए काम करता है. वर्तमान में संकटग्रस्त और उच्च जोखिम वाले बच्चों की जरूरतों के लिए आयोग को अधिक सुलभ, कुशल बनाने के लिए इस व्हाट्सएप-आधारित चैटबॉट को लॉन्च किया गया है.