अप्रैल-सितंबर के दौरान केमैन द्वीप और साइप्रस से भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) में क्रमशः 75% और 95% से अधिक की गिरावट आई।
भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) में चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-सितंबर के दौरान केमैन द्वीप और साइप्रस से पर्याप्त संकुचन देखा गया, जिससे एफडीआई प्रवाह में कुल मिलाकर 24% की गिरावट आई।
केमन द्वीपसमूह
- केमैन द्वीपसमूह से एफडीआई में 75% की भारी गिरावट देखी गई, जो पिछले वित्तीय वर्ष की इसी अवधि में 582 मिलियन अमेरिकी डॉलर से घटकर चालू वित्त वर्ष के अप्रैल-सितंबर में 145 मिलियन अमेरिकी डॉलर हो गई।
साइप्रस
- छह माह की अवधि के दौरान साइप्रस से प्रवाह में उल्लेखनीय रूप से गिरावट आई, जो 95% से अधिक की भारी गिरावट के साथ 35 मिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया। यह भारी कमी पिछले वित्तीय वर्ष के अप्रैल-सितंबर में दर्ज 764 मिलियन अमेरिकी डॉलर की तुलना में है।
योगदान देने वाले कारक:
- बढ़ी हुई जांच: विशेषज्ञ केमैन द्वीप और साइप्रस दोनों से एफडीआई में भारी कमी का श्रेय निवेश आवेदनों की बढ़ती जांच को देते हैं। यह इन न्यायक्षेत्रों से विदेशी निवेश के लिए अधिक कठोर मूल्यांकन प्रक्रिया का सुझाव देता है।
समग्र एफडीआई परिदृश्य
- अप्रैल-सितंबर 2023-24 के दौरान भारत के व्यापक एफडीआई परिदृश्य में 24% की गिरावट देखी गई, जो कुल 20.48 बिलियन अमेरिकी डॉलर थी। यह गिरावट मुख्य रूप से कंप्यूटर हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर, टेलीकॉम, ऑटो और फार्मास्यूटिकल्स जैसे क्षेत्रों में कम प्रवाह के कारण हुई।
परीक्षा से सम्बंधित महत्वपूर्ण प्रश्न
प्रश्न: अप्रैल-सितंबर 2023-24 के दौरान केमैन द्वीप और साइप्रस से भारत में एफडीआई की प्रवृत्ति क्या है?
उत्तर: केमैन द्वीप से एफडीआई में 75% की गिरावट देखी गई है, जबकि साइप्रस में 95% की भारी गिरावट देखी गई है, जिससे भारत के एफडीआई प्रवाह में कुल मिलाकर 24% की गिरावट आई है।
प्रश्न: इन न्यायक्षेत्रों से एफडीआई में भारी गिरावट के लिए कौन से कारक जिम्मेदार हैं?
उत्तर: विशेषज्ञ इस गिरावट का कारण आवेदनों की गहन जांच को मानते हैं, जो केमैन द्वीप और साइप्रस से विदेशी निवेश के लिए अधिक कठोर अनुमोदन प्रक्रिया को दर्शाता है।
प्रश्न: इस अवधि के दौरान भारत में समग्र एफडीआई परिदृश्य कैसा दिखता है?
उत्तर: कंप्यूटर हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर, टेलीकॉम, ऑटो और फार्मा जैसे प्रमुख क्षेत्रों में उल्लेखनीय गिरावट के साथ, अप्रैल-सितंबर 2023-24 में भारत में कुल एफडीआई 24% घट कर 20.48 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया।