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DAJA 2025: भारत का अब तक का सबसे बड़ा आदिवासी सशक्तिकरण आंदोलन

भारत सरकार ने 15 जून से 15 जुलाई 2025 तक चलने वाले ‘धरती आबा जनभागीदारी अभियान (DAJA)’ की शुरुआत की है। यह स्वतंत्र भारत के इतिहास का सबसे बड़ा जनजातीय सशक्तिकरण अभियान है, जो 31 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के 550+ ज़िलों और 1 लाख से अधिक जनजातीय गांवों में 5.5 करोड़ से अधिक जनजातीय नागरिकों तक सीधे पहुँच रहा है।

अभियान का नाम ‘धरती आबा’ क्यों?

यह अभियान भगवान बिरसा मुंडा के सम्मान में शुरू किया गया है, जिन्हें ‘धरती आबा’ (धरती के पिता) कहा जाता है। यह अभियान जनजातीय गौरव वर्ष का हिस्सा है, जो भारत के जनजातीय विरासत, संस्कृति और योगदान का उत्सव है।

पहले 9 दिनों में उपलब्धियाँ

  • 53 लाख+ जनजातीय नागरिकों तक पहुँच

  • 22,000+ जनजातीय सशक्तिकरण शिविरों का आयोजन

  • 1.38 लाख आधार पंजीकरण

  • 1.68 लाख आयुष्मान भारत कार्ड जारी

  • 46,000+ किसान PM-Kisan योजना में शामिल

  • 22,000+ महिलाएँ उज्ज्वला योजना में शामिल

  • 32,000+ PM जनधन खाते खोले गए

यह आंकड़े डिजिटल सुशासन और अंतिम छोर तक सेवा वितरण (last-mile delivery) का बेहतरीन उदाहरण हैं।

DAJA के पाँच प्रमुख स्तंभ

  1. जनभागीदारी – स्थानीय समुदायों की भागीदारी सुनिश्चित करना

  2. सैचुरेशन (पूर्ण कवरेज) – सभी पात्र लाभार्थियों को योजनाओं का लाभ

  3. सांस्कृतिक समावेशन – भाषाओं, परंपराओं और कला के माध्यम से जुड़ाव

  4. अभिसरण (Convergence) – सभी मंत्रालयों, संगठनों और युवाओं का एकत्र सहयोग

  5. अंतिम छोर तक पहुँच – दूरस्थ क्षेत्रों तक योजनाओं की पहुंच

नेतृत्व की आवाज़ें

  • जुएल ओराम, केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री:
    “यह केवल एक अभियान नहीं, बल्कि सम्मान और समावेशन का जन आंदोलन है।”

  • दुर्गा दास उइके, राज्य मंत्री, जनजातीय कार्य मंत्रालय:
    “युवा और महिलाओं की बढ़ती भागीदारी नई आशाओं को जन्म दे रही है।”

  • विभू नायर, सचिव, जनजातीय कार्य मंत्रालय:
    “डिजिटल डैशबोर्ड और सांस्कृतिक पुनरुत्थान के साथ, DAJA शासन की नई मिसाल बना रहा है।”

देशभर से झलकियाँ

  • लद्दाख: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रोंगो गांव में मिलेट-आधारित पोषण को बढ़ावा दिया

  • मध्य प्रदेश: राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने DAJA का शुभारंभ सांस्कृतिक उत्सव के साथ किया

  • असम: मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने इसे “जनजातीय विकास का नया अध्याय” बताया

  • महाराष्ट्र: मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने जनजातीय उद्यमिता और आत्मनिर्भरता पर जोर दिया

  • आंध्र प्रदेश: पर्वतपुरम में PVTG (विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों) के लिए विशेष फोकस

  • केरल: वायनाड में जनजातीय कॉन्क्लेव का आयोजन कर नीति-निर्माण में स्थानीय भागीदारी पर बल

राष्ट्रव्यापी भागीदारी

  • 550+ ज़िले, 3,000+ ब्लॉक सक्रिय रूप से शामिल

  • 700+ जनजातीय समुदाय, 75 PVTG समूहों की भागीदारी

  • MY भारत, NSS और छात्र संगठन युवा नेतृत्व में आगे

  • जनजातीय भोजन महोत्सव, नृत्य कार्यक्रम, हस्तशिल्प प्रदर्शनियों जैसे सांस्कृतिक आयोजन

यह अभियान ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास’ की भावना को धरातल पर उतारता है और भारत के जनजातीय नागरिकों को सम्मान, अधिकार और अवसरों से जोड़ने की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल है।

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