अक्टूबर 2025 में अरब सागर में बना चक्रवात “शक्ति” भारत के पश्चिमी तट पर बढ़ते उष्णकटिबंधीय तूफानों की चिंताजनक प्रवृत्ति को दर्शाता है। भले ही यह चक्रवात सीधे स्थलभाग से टकराने (landfall) की संभावना नहीं रखता, लेकिन इसके विकास ने महाराष्ट्र और गुजरात में सतर्कता बढ़ा दी है। यह चक्रवात इस बात की स्पष्ट झलक देता है कि जलवायु परिवर्तन कैसे अरब सागर की मौसम प्रणालियों को नया रूप दे रहा है — जिससे आपदा प्रबंधन और पर्यावरणीय योजना दोनों पर दूरगामी असर पड़ेगा।
चक्रवात शक्ति कैसे बना
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यह चक्रवात अरब सागर के पूर्व-मध्य भाग में बना, जहाँ समुद्र की सतही तापमान सीमा 27°C से अधिक थी — जो उष्णकटिबंधीय चक्रवात बनने के लिए आवश्यक ऊर्जा प्रदान करती है।
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कम ऊर्ध्वाधर पवन कतरन (low wind shear), पर्याप्त नमी और ऊपरी वायुमंडल में अच्छा अपवाह (outflow) होने से यह तंत्र तेजी से तीव्र हुआ।
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इन अनुकूल परिस्थितियों ने इसे “Severe Cyclonic Storm” (गंभीर चक्रवाती तूफान) के स्तर तक पहुँचा दिया, जिसकी हवा की गति 89 किमी/घंटा से अधिक रही।
नामकरण
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“शक्ति (Shakti)” नाम का अर्थ है “शक्ति या ऊर्जा”, जिसे श्रीलंका ने विश्व मौसम संगठन (WMO)/ESCAP पैनल के तहत प्रस्तावित किया था।
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इस नामकरण प्रणाली में 13 देश शामिल हैं, जो उत्तर हिंद महासागर क्षेत्र में बनने वाले चक्रवातों के नाम तय करते हैं।
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नामकरण का उद्देश्य जनता में जागरूकता बढ़ाना और आपात स्थिति में संचार को आसान बनाना है।
वर्गीकरण और तीव्रता
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भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) चक्रवातों को हवा की गति के आधार पर वर्गीकृत करता है।
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Cyclone Shakti को “Severe Cyclonic Storm (गंभीर चक्रवाती तूफान)” श्रेणी में रखा गया है — जिसकी सतत वायु गति 89–117 किमी/घंटा होती है।
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इससे ऊपर की श्रेणियाँ हैं —
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Very Severe Cyclonic Storm (अत्यंत गंभीर चक्रवात)
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Extremely Severe Cyclonic Storm (अत्यधिक गंभीर चक्रवात)
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Super Cyclone (सुपर चक्रवात)
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यह वर्गीकरण आपदा प्रबंधन एजेंसियों को संभावित क्षति का अनुमान लगाने और बचाव कार्यों की योजना बनाने में मदद करता है।
भौगोलिक स्थिति
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4 अक्टूबर 2025 तक, Cyclone Shakti द्वारका (गुजरात) से लगभग 420 किमी दूर पश्चिम-दक्षिण-पश्चिम दिशा में स्थित था और 18 किमी/घंटा की गति से आगे बढ़ रहा था।
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इसके भारत से टकराने की संभावना नहीं है, लेकिन महाराष्ट्र के कोकण तट, विशेषकर मुंबई, ठाणे, पालघर और रायगढ़ में इसके बाहरी प्रभाव देखे जा रहे हैं।
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IMD ने इन क्षेत्रों में मध्यम से भारी वर्षा, तेज़ हवाओं और समुद्र में ऊँची लहरों की चेतावनी जारी की है।
अरब सागर में बढ़ती चक्रवाती गतिविधियाँ
पहले की तुलना में अरब सागर में अब अधिक शक्तिशाली चक्रवात बनने लगे हैं —
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2001 से 2019 के बीच अरब सागर में गंभीर चक्रवातों की संख्या 52% तक बढ़ी।
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समुद्र का तापमान लगातार बढ़ रहा है, जिससे चक्रवात बनने की संभावना भी बढ़ जाती है।
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Indian Ocean Dipole (IOD) जैसे समुद्री घटनाक्रम भी चक्रवात की तीव्रता और दिशा को प्रभावित करते हैं।
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यह प्रवृत्ति बताती है कि आने वाले वर्षों में महाराष्ट्र, गोवा और गुजरात जैसे पश्चिमी तटीय राज्य चक्रवातीय जोखिमों का अधिक सामना कर सकते हैं।
स्थिर तथ्य
| बिंदु | विवरण |
|---|---|
| चक्रवात का नाम | शक्ति (Shakti) |
| नाम प्रस्तावित देश | श्रीलंका |
| चक्रवात मौसम (Arabian Sea) | अप्रैल से दिसंबर (मुख्यतः मई और अक्टूबर–नवंबर) |
| न्यूनतम तापमान आवश्यकता | 26.5°C – 27°C |
| वर्गीकरण संस्था | भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) |
| नामकरण संस्था | WMO/ESCAP Panel on Tropical Cyclones |
| वर्तमान श्रेणी | Severe Cyclonic Storm |
| वायु गति | 89–117 किमी/घंटा |


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