ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने जाजपुर में अंतरराष्ट्रीय शिल्प शिखर सम्मेलन का उद्घाटन किया। यह अग्रणी शिल्पकारों, संस्कृति और कला के प्रति उत्साही लोगों का अपनी तरह का पहला अंतरराष्ट्रीय शिल्प शिखर सम्मेलन सम्मेलन है। राज्य सरकार के एक अधिकारी के मुताबिक स्थानीय कारीगरों और अन्य शिल्प प्रेमियों के साथ जुड़ने के लिए 15 देशों के प्रतिनिधि जाजपुर पहुंचे हैं। अधिकारी ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र की चार एजेंसियों और यूनेस्को की सूची में शामिल पांच शहरों ने इस आयोजन के लिए जाजपुर जिला प्रशासन के साथ साझेदारी की है।
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नवीन पटनायक ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शिल्प शिखर सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए कहा कि यह ओडिशा के लिए एक ऐतिहासिक अवसर है। नवीन पटनायक ने कहा कि जाजपुर ओडिशा की प्राचीन राजधानी थी। धार्मिक पर्यटन, शहरी पर्यटन और बौद्ध पर्यटन की अपनी मौजूदा संपत्तियों के साथ इसमें एक प्रमुख पर्यटन केंद्र बनने की क्षमता है। जाजपुर की सांस्कृतिक विरासत इसके जीवंत कला रूपों में परिलक्षित होती है। उन्होंने कहा कि राज्य पर्यटन, हथकरघा और हस्तशिल्प क्षेत्रों के समग्र विकास के लिए तंत्र विकसित कर रहा है। दक्षिण एशियाई देशों के लिए यूनेस्को संस्कृति केंद्र के प्रमुख जूनी हान ने स्थानीय कला, कलाकारों और कारीगरों को बढ़ावा देने के प्रयासों की सराहना की।
कई नीतियों को किया लागू
उन्होंने कहा कि ओडिशा सरकार प्रदेश को पर्यटकों के वैश्विक हॉटस्पॉट के रूप में विकसित करने, आजीविका और रोजगार के अवसर प्रदान करने और राज्य को निवेशकों के लिए आकर्षक बनाने के लिए ठोस प्रयास कर रही है। इसके अलावा पहलों के बारे में बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हम अपने पर्यटन, हथकरघा और हस्तशिल्प क्षेत्र के समग्र विकास के लिए तंत्र विकसित कर रहे हैं। हमने राज्य पर्यटन नीति, हस्तशिल्प नीति, परिधान और तकनीकी वस्त्र नीति जैसी विभिन्न नीतियां लागू की हैं।