पहलगाम समेत कई स्थानों पर पारा हिमांक बिंदु के नीचे चले जाने के साथ ही कश्मीर घाटी में 21 दिसंबर को सबसे भयंकर सर्दी ‘चिल्लई कलां’ का दौर शुरू हो गया। कश्मीर में कई स्थानों पर पिछली रात इस सीजन की अब तक की सबसे सर्द रात रही तथा यहां डल झील समेत घाटी के जलाशयों तथा यहां तक की नलों का पानी भी जम गया। श्रीनगर में 21 दिसंबर को मौसम का सबसे कम तापमानदर्ज किया गया, क्योंकि कश्मीर घाटी में स्थानीय रूप से ‘चिल्लई कलां’ के रूप में जानी जाने वाली सर्दियों की 40 दिनों की सबसे कठोर अवधि शुरू हुई।
Buy Prime Test Series for all Banking, SSC, Insurance & other exams
महत्वपूर्ण तथ्य
- मौसम विज्ञान केंद्र श्रीनगर के अनुसार, श्रीनगर में रात का तापमान गिरकर -4.2 डिग्री सेल्सियस हो गया, जबकि दक्षिण कश्मीर के पहलगाम पर्यटन स्थल में रात का तापमान -6.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
- दिसंबर महीने में घाटी में रिकॉर्ड किया गया अब तक का सबसे कम तापमान वर्ष 1934 में -12.8 डिग्री सेल्सियस था।
‘चिल्लई कलां’ क्या है?
- कश्मीर के श्रीनगर में हिमपात और बारिश की उच्च संभावना के साथ घाटी में सबसे ठंडी और कठोर सर्दियों की अवधि ‘चिल्लई कलां’ है।
- चिलाई कलां में तीव्र शीत लहर की स्थिति के कारण, नल और जल निकाय रात के दौरान जम जाते हैं और लोगों को नलों को डी-फ्रीज करने के लिए पानी की आपूर्ति लाइनों को गर्म करना पड़ता है।
- चिल्लई कलां 21 दिसंबर से शुरू होकर 31 जनवरी तक 40 दिनों तक चलता है।
- 40 दिनों की इस अवधि के दौरान, कश्मीर तीव्र शीतलहर की चपेट में रहता है। रात का तापमान आमतौर पर जमाव बिंदु से कई डिग्री नीचे रहता है।
- 40 दिन की अवधि (चिल्लई कलां) के बाद 20 दिन लंबा चिलाई खुर्द (छोटा ठंडा) और 10 दिन लंबा चिलाई बच्चा (बेबी कोल्ड) आता है।