भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम ने एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। इसरो अध्यक्ष वी. नारायणन ने 16 मार्च 2025 को चंद्रयान-5 मिशन की घोषणा की, जिसे 13 मार्च 2025 को मंजूरी दी गई थी। यह मिशन जापान (JAXA) के सहयोग से संचालित होगा और चंद्रमा की सतह का विस्तृत अध्ययन करेगा। चंद्रयान-3 के 25 किलोग्राम वजनी ‘प्रज्ञान’ रोवर की तुलना में, चंद्रयान-5 में 250 किलोग्राम वजनी रोवर भेजा जाएगा, जिससे भारत की चंद्र अन्वेषण क्षमता और अधिक मजबूत होगी।
| मिशन | वर्ष | मुख्य उपलब्धि | स्थिति |
|---|---|---|---|
| चंद्रयान-1 | 2008 | चंद्रमा पर जल अणुओं की खोज | सफल |
| चंद्रयान-2 | 2019 | ऑर्बिटर सफल, लैंडर विफल | आंशिक सफलता |
| चंद्रयान-3 | 2023 | चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहली सफल लैंडिंग | सफल |
| चंद्रयान-4 | 2027 (संभावित) | चंद्र मिट्टी के नमूने पृथ्वी पर लाना | आगामी |
| चंद्रयान-5 | 2028 (संभावित) | 250 किग्रा रोवर से चंद्रमा का विस्तृत अध्ययन | आगामी |
| श्रेणी | विवरण |
| क्यों चर्चा में? | चंद्रयान-5 मिशन को केंद्र सरकार की मंजूरी, चंद्र अन्वेषण में बड़ी प्रगति |
| मिशन का नाम | चंद्रयान-5 |
| मंजूरी की तिथि | 13 मार्च 2025 |
| घोषणा | इसरो अध्यक्ष वी. नारायणन |
| सहयोगी संगठन | इसरो (भारत) और JAXA (जापान) |
| रोवर का वजन | 250 किग्रा |
| मिशन का लक्ष्य | चंद्रमा की सतह का विस्तृत अध्ययन |
| संभावित प्रक्षेपण वर्ष | 2028 |
| भविष्य की योजनाएँ | चंद्रयान-4 (2027), गगनयान, भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन |
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