केंद्र सरकार ने 15 अगस्त को एआई आधारित राष्ट्रीय कीट निगरानी प्रणाली (एनपीएसएस) का शुभारंभ किया, जो किसानों को अपने फोन का उपयोग करके कीटों को नियंत्रित करने के लिए कृषि वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों से जुड़ने में मदद करेगी।
कीटों के प्रबंधन के लिए नई एआई-आधारित निगरानी प्रणाली
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद में लॉन्च कार्यक्रम में श्री चौहान ने कहा कि केंद्र का प्रयास कृषि में नई तकनीकी नवाचारों को किसानों तक ले जाना है। उन्होंने कहा, “कृषि के क्षेत्र में सभी नए विकास किसानों के लिए फायदेमंद होने चाहिए,” और कहा कि उपज बढ़ाना नरेंद्र मोदी सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने कहा, “उत्पादकता बढ़ाने के लिए किसानों को बेहतर बीजों की आवश्यकता है। हमारा वैज्ञानिक समुदाय इस दिशा में किसानों के साथ मिलकर काम कर रहा है।”
एनपीएसएस का उद्देश्य
एनपीएसएस का उद्देश्य कीटनाशक खुदरा विक्रेताओं पर किसानों की निर्भरता को कम करना और कीट प्रबंधन के प्रति उनमें वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करना है। एनपीएसएस किसानों और विशेषज्ञों को कीट नियंत्रण और प्रबंधन में मदद करने के लिए एआई उपकरणों का उपयोग करके कीटों पर नवीनतम डेटा का विश्लेषण करेगा।
कीटों की पहचान करने और उन्हें नियंत्रित करने में मदद
मंत्री ने कहा कि तकनीक को खेतों तक पहुंचना चाहिए और एनपीएसएस ऐसा ही एक प्रयास है। उन्होंने कहा, “अगर हम कीटों के हमले को तुरंत और हमले की शुरुआत में ही जान लें, तो इससे इलाज में मदद मिलेगी। यह प्रणाली कीटों की पहचान करने और उन्हें नियंत्रित करने में मदद करेगी। तकनीक का लाभ किसानों को मिलना चाहिए,” उन्होंने कहा कि मंत्रालय वैज्ञानिकों और किसानों के बीच संपर्क को मजबूत करने के प्रयास करेगा।
इस प्रणाली के क्या लाभ हैं?
- यह प्रणाली तकनीक का उपयोग करके उचित समय पर बीमारियों का इलाज करती है
- इससे सटीक निदान और सटीक उपचार में मदद मिलेगी
- इससे किसानों में आत्मविश्वास बढ़ेगा और उत्पादन भी बढ़ेगा
- इससे मिट्टी की बचत होगी
- यह एक तकनीकी प्लेटफॉर्म है और इसके लिए किसी अतिरिक्त फंडिंग की आवश्यकता नहीं है