शिक्षा मंत्रालय ने शैक्षणिक संस्थानों को तम्बाकू और पदार्थ मुक्त क्षेत्र बनाने के उद्देश्य से एक राष्ट्रव्यापी प्रवर्तन अभियान शुरू किया है। यह कदम देश के युवाओं को तम्बाकू, शराब और नशीली दवाओं के दुरुपयोग के हानिकारक प्रभावों से बचाने के प्रयासों के हिस्से के रूप में उठाया गया है, जिसमें शैक्षिक और कानून प्रवर्तन अधिकारियों दोनों से सक्रिय भागीदारी की उम्मीद है।
भारत की एक बड़ी जनसंख्या 29 वर्ष से कम आयु की है।
ग्लोबल यूथ टोबैको सर्वे (GYTS-2), 2019 के अनुसार,
13–15 वर्ष के 8.5% छात्र तंबाकू का सेवन करते हैं।
हर दिन 5,500 बच्चे तंबाकू सेवन शुरू करते हैं।
तंबाकू का सेवन अक्सर अन्य खतरनाक नशों की ओर ले जाता है।
तंबाकू मुक्त शैक्षणिक संस्थान (ToFEI) दिशानिर्देशों में निम्नलिखित नौ आवश्यक गतिविधियाँ शामिल हैं,
संस्थान के भीतर और बाहर ‘तंबाकू-मुक्त क्षेत्र’ के बोर्ड लगाना।
परिसर में तंबाकू सेवन के कोई चिन्ह न हों।
तंबाकू के दुष्प्रभावों संबंधी पोस्टर/सामग्री प्रदर्शित करना।
हर 6 महीने में तंबाकू-नियंत्रण गतिविधियां आयोजित करना।
स्कूलों में Tobacco Monitors की नियुक्ति।
स्कूल के आचरण नियम में तंबाकू-मुक्त नीति को शामिल करना।
स्कूल के चारों ओर 100 गज में पीली रेखा खींचना।
100 गज की सीमा में तंबाकू विक्रेताओं की अनुमति नहीं।
स्कूल प्रबंधन और स्थानीय प्रशासन के बीच सहयोग सुनिश्चित करना।
संस्थानों के चारों ओर पीली रेखा चिह्नित करना।
100 गज के भीतर तंबाकू की बिक्री बंद कराना।
इसके लिए स्थानीय प्रशासन और पुलिस की मदद आवश्यक होगी।
अवधि: 31 मई (विश्व तंबाकू निषेध दिवस) से 26 जून (ड्रग्स विरोध दिवस) तक।
COTPA, 2003 की धारा 6(b) को लागू किया जाएगा:
शिक्षण संस्थानों के 100 गज के दायरे में तंबाकू की बिक्री पर रोक।
नाबालिगों को/द्वारा तंबाकू की बिक्री पर प्रतिबंध।
स्कूल प्रबंधन समितियां (SMCs), माता-पिता और शिक्षक सक्रिय भूमिका निभाएंगे।
SOPs (मानक संचालन प्रक्रियाएं) बनाई जाएंगी ताकि लोग बिना भय के उल्लंघनों की रिपोर्ट कर सकें।
‘विश्व तंबाकू निषेध दिवस जागरूकता क्विज–2025’ MyGov पर (22 मई से 21 जुलाई तक) आयोजित की जा रही है।
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